1983 पीटीआइ को हटाने के विरोध में मनाया काला दिवस
मौलिक शिक्षा निदेशक ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को 1983 पीटीआइ को तीन दिन में रिलीव करने के लिए आदेश दिए थे जिसके खिलाफ जिला सचिवालय के सामने काफी संख्या में अध्यापकों ने काला दिवस मनाया।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मौलिक शिक्षा निदेशक ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को 1983 पीटीआइ (फिजिकल ट्रेनिग इंस्ट्रक्टर) को तीन दिन में रिलीव करने के लिए आदेश दिए थे, जिसके खिलाफ जिला सचिवालय के सामने काफी संख्या में अध्यापकों ने काला दिवस मनाया। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के बैनर के तले अध्यापकों ने निदेशक मौलिक शिक्षा के आदेशों के विरोध में प्रदर्शन किया। अध्यापकों ने अपनी मांगों को लेकर उप-जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कल्पना रंगा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। सरकार से मांग की गई है कि 1983 पीटीआई को कार्यमुक्त करने के आदेश को वापस लिया जाए।
संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव व जिला सचिव जसविदर ने कहा कि सरकार द्वारा अपनी वैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए 10 वर्षों से कार्यरत शारीरिक शिक्षकों की सेवा को बचाने का प्रयास करना चाहिए था। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ, शारीरिक शिक्षक संघ एवं हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ ने कई बार विभिन्न आंदोलन व बातचीत के माध्यम से प्रदेश सरकार के सामने मांग रखी कि पीटीआइ की 10 वर्षों की सेवाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार अपनी विधायी शक्तियों का प्रयोग करे और 8 अप्रैल 2020 के निर्णय के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय की बड़ी पीठ में अपील करें।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा था कि इस निर्णय को लॉकडाउन समाप्त होने के पश्चात पांच महीनों में लागू करें लेकिन प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन भी समाप्त नहीं होने दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अध्यापकों की मेरिट प्रक्रिया पर कहीं सवाल नहीं उठाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला भर्ती प्रक्रिया को दोषपूर्ण मानते हुए दिया है। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया बदलने वाले अधिकारियों व नेताओं पर कार्रवाई बनती थी।
धरना प्रदर्शन में सर्व कर्मचारी संघ जिला गुरुग्राम के पूर्व प्रधान कवरलाल यादव, पूर्व प्रधान कुलदीप खटाना, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान तरुण सुहाग, दुष्यंत, अध्यापक संघ के गुरुग्राम खंड के सचिव सुरेंदर गुलिया, पटौदी खंड के प्रधान रविदर ठाकरान, फरुखनगर खंड के प्रधान नरेश, मनोज कुमार, राजेंदर, बनवारी लाल, रविदर दलाल, सोनू, सुमन, बनिता, राजपाल, अशोक ठाकरान व सुशील कटारिया समेत काफी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।