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कोरोना के चलते नहीं हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम

वैश्विक महामारी के चलते सांस्कृतिक व पर्यटन क्षेत्र भी सिसकियां भरता रहा। गीत संगीत रागनी जागरण सैर-सपाटा लोगों के मन में तो हिलोरें लेता रहा लेकिन धरातल पर परवान नहीं चढ़ पाया। जागरण संवाददाता गुरुग्राम वैश्विक महामारी के चलते सांस्कृतिक व पर्यटन क्षेत्र भी सिसकियां भ

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 08:01 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 08:01 PM (IST)
कोरोना के चलते नहीं हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम
कोरोना के चलते नहीं हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : वैश्विक महामारी के चलते सांस्कृतिक व पर्यटन क्षेत्र भी सिसकियां भरता रहा। गीत संगीत, रागनी, जागरण, सैर-सपाटा लोगों के मन में तो हिलोरें लेता रहा, लेकिन धरातल पर परवान नहीं चढ़ पाया। किसी न किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम से सराबोर रहने वाला शहर कोरोना काल के दौरान इन कार्यक्रमों के मामले में बिल्कुल थम सा गया। कोविड-19 संक्रमण के चलते पर्यटन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मामलों में पूरा साल एकदम शून्य रहा। होटल से लेकर पर्यटक स्थल सभी बंद रहे। कोविड-19 की गाइडलाइन के साथ कुछ आयोजकों को कार्यक्रम करने की अनुमति भी दी गई। पर दर्शकों की कमी के कारण अभी भी आयोजक कोई भी कार्यक्रम करने से हिचक रहे।

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प्रदेश की संस्कृति से लोगों को रूबरू कराने के लिए नगर निगम ने कई साल पहले सेक्टर-29 स्थित ओपन थिएटर में प्रत्येक सप्ताहांत में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत की थी। लोकगीत, हरियाणवी रागनी और लोक नृत्य पर आधारित इन कार्यक्रमों के प्रति शहर के लोगों का रुझान भी बढ़ने लगा था। कोरोना काल के चलते नगर निगम का यह सांस्कृतिक कार्यक्रम भी बिल्कुल ठप रहा।

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सेक्टर-29 में एक्वेरियम की योजना भी नहीं चढ़ पाई सिरे सेक्टर-29 में मछली पालन विभाग एक बड़ा एक्वेरियम बनाने की योजना तैयार कर रहा है। इसको एक पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित किया जाना है। पिछले साल कृषि एवं मत्स्य पालन मंत्री जेपी दलाल ने 2020 में इस एक्वेरियम को तैयार किए जाने की पूरी योजना भी तैयार कर ली थी। लेकिन कोरोना काल के दौरान मत्स्य विभाग की यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई।

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जिस तरह का 2020 का साल बिता। भगवान से यही प्रार्थना है कि इस तरह के दिन किसी को ना दें। गीत, संगीत और संस्कृति के लिए ही यह दिन खराब नहीं रहे बल्कि इस दौरान तो पूरी दुनिया ही थम गई। पहले शहर में महीने में 10 से 15 सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करते रहते थे। लाकडाउन के दौरान सभी कार्यक्रम बंद कर दिए गए। इस दौरान एक अच्छी बात यह भी रही कि जरूरतमंद लोगों की सेवा करने का अवसर मिला। अब धीरे-धीरे कामकाज शुरू होने लगा है। अपनी हरियाणवी संगीत पर आधारित एक एल्बम का गीत तैयार किया है। इस गीत को पहले 24 घंटे में ही 10 मिलियन लोग देख चुके हैं।

-एमडी, देसी राकस्टार

--- सभागार से लेकर थियेटर, सिनेमा घर तक कोरोना काल में पूरी तरह से बंद हो गए। रंगकर्मी अपनी कला को जनता तक पहुंचाने के लिए बेताब रहते हैं। उनको मौका ही नहीं मिल पाया। गुरुग्राम अब एक बेहतरीन शहर हो गया। इसमें हर दिन कोई न कोई बड़ा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होता ही रहता है। प्रदेश से लेकर राष्ट्रीयस्तर तक के कार्यक्रम यहां होते रहते हैं। मंच के बड़े कलाकार भी इस शहर में रहते हैं। अब धीरे-धीरे लोगों की जिदगी पटरी पर आने लगी है। कार्यक्रम भी आयोजित होने लगे हैं। केवल दर्शकों में अभी कार्यक्रमों के प्रति रूझान कम है।

-अरुण मारवाह, निदेशक मेगास्टार एकेडमी आफ ड्रामैटिक डीएलएफ फेस-2


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