हर रोज जिंदगी खतरे डाल कर रहे मरीजों की सेवा
डॉक्टरों के स्टाफ नर्स कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में लगी है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों के अलावा एंबुलेंस स्टाफ भी कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में लगा हुआ है। वह 24 घंटे मरीजों के साथ रहकर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। कोरोना का खतरा उनपर लगातार बना रहता है। सेक्टर दस जिला अस्पताल में एंबुलेंस स्टाफ दर्जनों संदिग्ध मरीजों को अपनी एंबुलेंस में बैठाकर अस्पताल पहुंचा चुके हैं। स्टाफ का कहना है कि सावधानी रखते हैं लेकिन कोरोना वायरस का खतरा लगातार बना रहता है। यह ऐसा समय है जब देश का हर नागरिक कोरोना से लड़ रहा है, तो हमें लगता है कि हमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को इलाज दिलाने में सहयोग करना है। इसी मकसद को लेकर हम 24 घंटे काम में लगे रहते हैं।
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संदिग्ध मरीजों को लाना और छोड़ना होता है। उन्हीं मरीजों में कोरोना से ग्रस्त मरीज मिलते हैं। खतरा हर रोज हैं लेकिन इस समय जिला पर कोरोना वायरस का संकट है और ऐसे में मरीजों को इलाज दिलाना प्राथमिकता है।
-प्रमोद कुमार, इमरजेंसी मेडिकल टेक्निकल ईएमटी
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डर लगता है कि कहीं मरीज के साथ रहने से हम ही बीमार ना हो जाएं लेकिन जब डॉक्टरों व अन्य स्टाफ के काम को देखते हैं और अधिकारियों की तरफ से हौसला अफजाई मिलती है तो मरीजों के लिए काम करने में कोई परेशानी नहीं आती।
-संदीप कुमार, एंबुलेंस ड्राइवर
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मरीजों को समय पर इलाज मिले, यही सोचकर लगे रहते हैं। हमें लगता है अगर हम मरीजों के लिए काम नहीं करेंगे, तो कोरोना से लड़ाई कौन लड़ेगा। आज स्वास्थ्य विभाग की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी है और हमें प्रधानमंत्री की बातें प्रोत्साहित करती हैं।
-राजेंद्र कुमार, इमरजेंसी मेडिकल टेक्निकल ईएमटी
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हमारा मकसद सेवा है और अपनी ड्यूटी को निभाना। आज कोरोना संकट में हमारी जरूरत है, हमें इस लड़ाई को जीतना है। बचाव के सभी प्रबंध करके हम मरीजों को लेकर जाते हैं ताकि हम भी सुरक्षित रहें।
-प्रवीण, ड्राइवर