ऐसे बिताएं दिन: कॉरपोरेट अधिकारी घर में बैठकर बच्चों के साथ खेल रहे कैरम
आज देश कठिन दौर से गुजर रहा है। इसमें चिता भी है। कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए लोगों को संयम बरतने के साथ जरूरतमंद लोगों की मदद करने का भी समय है।
आज देश कठिन दौर से गुजर रहा है। कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए लोगों को संयम बरतने की जरूरत है, वहीं उनके पास जरूरतमंद लोगों की मदद करने का भी समय है। पूरा दिन घर में व्यतीत हो रहा है। पहले घर पर रहने का मौका ही नहीं मिल पाता था। कंपनी के काम से अधिकतर बाहर घूमना ज्यादा होता था। अब परिवार के साथ कैरम खेल कर समय बीत रहा है।
पत्नी रोहिणी भी रैलीगियर कंपनी में एवीपी हैं। वह भी कंपनी के काम के सिलसिले में काफी व्यस्त रहती हैं। बेटी रिषिका सेक्टर 54 स्थित सनसिटी स्कूल में पढ़ती है। पिता आरएस धर घर पर ही रहते हैं। पूरे परिवार को एक साथ घर पर रहने के मौके बहुत कम मिलते हैं। घर में अब घरेलू सहायिका भी नहीं है, तो पत्नी के साथ रसोई में भी काम कराना पड़ रहा है। सब्जी काटने से लेकर रोटी बनाने तक में मदद करनी पड़ रही है। दिन भर घर में ही हैं तो कभी कोई आइटम खाने के लिए तैयार कर लेते हैं कभी कोई। खुद की बनाई डिश में खाने का अलग ही आनंद आ रहा है। घर के कामकाज में हाथ बंटा कर परिवार के साथ कैरम खेलकर दिन बीत रहा है।
-रजत धर, सीनियर जनरल मैनेजर (एससीएम एंड परचेज) यूनाइटेड कलर्स ऑफ बेनेटन। (निवासी: टाटा प्रीमंती)
बच्चों को सुना रहे रामायण-महाभारत की कहानी
कोरोना वायरस की रोकथाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत सही समय पर सही फैसला ले लिया। लॉकडाउन के बिना इस भयानक स्थिति से निपटना बड़ा मुश्किल था। लॉकडाउन के चलते अब घर पर पूरा दिन परिवार के साथ हंसी-खुशी बीत रहा है। बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं। इसके साथ सबसे बड़ी बात यह हो रही है कि बच्चों को रसोई के कामकाज सीखने का भी मौका मिल रहा है। व्यक्ति को हर परिस्थिति से निपटने का अनुभव होना चाहिए। बच्चों के साथ तरह-तरह के खेल खेल रहे हैं। उन्हें रामायण व महाभारत की कहानी सुनाकर समय व्यतीत हो रहा है।
सभी कामकाज मेड करती थी। अब सारा काम खुद करना पड़ रहा है। बड़ी दिक्कत आ रही है। बच्चों को चाय बनाना तक भी नहीं आता। अब घर पर रुकने का मौका मिला तो इन चीजों के बारे में पता चला। बच्चों को हर स्थिति से निपटने के लिए सक्षम बनाना जरूरी है। अब बच्चों के साथ समय बिताने का मौका मिल रहा है, तो हम उन्हें यह भी समझा रहे हैं कि किस तरह से समय का सदुपयोग करना चाहिए। बच्चों को खान-पान के बारे में भी जागरूक कर रहे हैं। जंक फूड खाने से भी काफी गड़बड़ हो रही थी। अब अपने हाथ से खाना बनाने का अलग ही मजा है।
-अमित रंजन, बिजनेस हेड, नॉन बैंकिग फाइनेंशियल कंपनी (निवासी: सेक्टर 65)
दैनिक जागरण से मिल रही देश-दुनिया की खबर
संकट के इस दौर में हम लोगों ने अगर जागरूकता नहीं दिखाई और घर से बाहर निकले तो कोरोना वायरस को फैलने से कोई नहीं रोक सकता। हम घर पर ही रहकर इस मुसीबत से लड़ सकते हैं। रही दिनचर्या की बात, तो सुबह एक घंटे तक योग करते हैं। फिर परिवार के साथ चाय की चुस्की लेते हैं। इसी बीच दैनिक जागरण आ जाता है, जो हमारा दो घंटे का साथी होता है। पहले कामकाज के चलते पंद्रह मिनट ही समय देते थे। अब तसल्ली से एक-एक खबर पढ़ते हैं। अखबार पढ़ने के बाद कुछ देर तक परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत कर फिर स्नान करने के बाद पूजा पाठ में लग जाते हैं। पूजन में भी एक से डेढ़ घंटे का समय देता हूं। इससे मन को शांति मिलती है। लंच करने के बाद दोपहर में नींद ली। फिर शाम को परिवार के साथ बैठकर टीवी पर एक फिल्म देखता हूं। इस तरह से मेरा पूरा दिन कट जाता है। अपने परिवार व देश की भलाई के लिए हमने यही रुटीन बना लिया है।
-राजकुमार यादव, समाजसेवी (निवासी: डीएलएफ फेज वन)