बदलते मौसम में बुखार को स्वाइन फ्लू ना समझें
मौसम बदलाव के साथ लोगों में बुखार जुकाम की शिकायत बढ़ रही है तो स्वाइन फ्लू और कोरोना वायरस का डर बढ़ रहा है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम :
मौसम में बदलाव के साथ लोगों में बुखार, जुकाम की शिकायत बढ़ रही हैं, तो स्वाइन फ्लू और कोरोना वायरस का डर भी बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. नवीन कुमार का कहना है कि मौसम बदल रहा है, तो बुखार व जुकाम की शिकायत बढ़ेगी। इसे स्वाइन फ्लू और कोरोना वायरस ना समझे। डॉ.कुमार ने कहा कि ओपीडी में हर रोज मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं और दवा लेने के बाद भी स्वाइन फ्लू और कोरोना वायरस से ग्रस्त होने का डर बताते हैं। जबकि ऐसा नहीं है। डॉक्टर ने कहा कि स्वाइन फ्लू हो सकता है, लेकिन कोरोना वायरस नहीं होगा। इसलिए बीमार होने पर चिकित्सक को दिखाएं और स्वयं दवा लेने से बचे। पिछले कुछ दिनों से दिन में धूप तेज रही। युवाओं ने गर्मी मौसम समझते हुए कम कपड़े पहनने के साथ आइसक्रीम खाना व कोल्ड ड्रिंक पीना शुरू कर दिया है। रात को पंखा चलाना शुरू कर दिया। यही सब बीमार होने का बड़ा कारण है। स्वाइन फ्लू के लक्षण
-गला खराब होना
-जुकाम होना
-नार्मल कोल्ड होना
-आंखों में दर्द व पानी आना
-सिरदर्द
-खांसी
-मांसपेशियों में दर्द
-आंखें लाल होना
-जी मिचलना बचाव
स्वाइन फ्लू वायरस का संक्रमण व्यक्ति के खांसने, छींकने या ऐसे उपकरणों के स्पर्श करने, जो दूसरों के संपर्क में भी आता है, से हो सकता है। जो संक्रमित नहीं हैं, वे भी दरवाजे के हैंडल, टेलीफोन के रिसीवर या टॉयलेट के नल के स्पर्श के बाद स्वयं की नाक पर हाथ लगाने भर से संक्रमित हो सकते हैं। मरीज को मॉस्क पहनकर रखना चाहिए। कोरोना वायरस के लक्षण
जिसे खांसी, जुकाम, बुखार हुआ है, तो उसे कोरोना वायरस हो सकता है। इसके बाद यह निमोनिया में तब्दील होता है। ज्यादा गंभीर होने पर मरीज को सांस लेने में परेशानी होगी। हालांकि चिकित्सकीय व प्रयोगशाला में जांच के बाद ही इसकी पुष्टि की जा सकती है।