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बिल्डर को ग्रीनोपोलिस साइट पर निर्माण कार्य तेज करने के आदेश

हरियाणा भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (हरेरा) गुरुग्राम बेंच द्वारा मंगलवार को सेक्टर-

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 07:46 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 06:19 AM (IST)
बिल्डर को ग्रीनोपोलिस साइट पर निर्माण कार्य तेज करने के आदेश
बिल्डर को ग्रीनोपोलिस साइट पर निर्माण कार्य तेज करने के आदेश

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: हरियाणा भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (हरेरा) गुरुग्राम बेंच द्वारा मंगलवार को सेक्टर-89 स्थित ग्रीनोपोलिस रिहायशी परियोजना को लेकर सुनवाई हुई। बेंच ने ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड व 3सी शेल्टर इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड से साइट पर जारी निर्माण कार्य में और तेजी लाने को कहा। साथ ही यह कार्य पूर्व निर्धारित आदेश एवं योजना के अनुसार ही जारी रखने को कहा गया। बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट के स्टे ऑर्डर के कारण हरेरा बेंच द्वारा बिल्डर पर सुनवाई के दौरान कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई।

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हरेरा बेंच के पूर्व आदेश के अनुसार 3सी द्वारा ग्रीनोपोलिस साइट पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। कुछ दिन पहले जहां साइट पर श्रमिकों की संख्या सौ से कम थी अब यह बढ़कर 167 हो गई है। यह निर्माण कार्य हरेरा की निगरानी में चल रहा है। हरेरा ने 30 अप्रैल तक आवंटियों को उनके फ्लैट देने का आदेश बिल्डर को पहले ही दिया हुआ है। इस परियोजना में कुल 29 टावर हैं।

बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि बिल्डर लाइसेंस सहित अन्य कागजी काम को पूर्व निर्धारित अवधि में पूरा करे। हरेरा चेयरमैन डॉ. केके खंडेलवाल ने बताया कि हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर से परियोजना के निर्माण पर कोई असर नहीं पड़ने जा रहा है। फिलहाल इसका असर यह होगा कि बिल्डर को जेल भेजने जैसे सख्त कदम अभी नहीं उठाए जा सकते हैं।

आवंटी डिपी का कहना है कि हाईकोर्ट के स्टे को लेकर ग्रीनोपोलिस वेलफेयर एसोसिएशन के वकील से आवंटियों की बात चल रही है। इसी आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी। ग्रीनोपोलिस रिहायशी परियोजना में कुल 1862 फ्लैट हैं, जिनमें से 1650 बिक चुके हैं। बता दें कि ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा 2011 में इस प्रोजेक्ट का लाइसेंस लिया गया था। आवंटियों को 2012 और 2013 में फ्लैटों का आवंटन किया गया था। आवंटियों को इसका कब्जा बिल्डर द्वारा दिसंबर 2015 दिया जाना था। ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा इस परियोजना का लाइसेंस लिया गया था। इसके बाद उसने 3सी शेल्टर इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को निर्माण की जिम्मेदारी सौंप दी। दोनों के बीच हुए समझौते के अनुसार फ्लैटों में से 35 प्रतिशत का निर्माण ओरिस द्वारा एवं 65 प्रतिशत फ्लैट 3सी शेल्टर इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा बेचे जाने थे। ओरिस बिल्डर का लाइसेंस भी एक्सपायर हो चुका है।


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