पुलिसकर्मियों ने चोरी के आरोप में महिला को थाने में कपड़े उतार कर पीटा, चार लाइन हाजिर
Lady Beaten by Gurugram Police महिला को डीएलएफ फेज वन थाने में दस घंटे तक रख कर जबरन जुर्म कबूल कराने के लिए पुलिस कर्मियों ने मारपीट की।
गुरुग्राम, जेएनएन। डीएलएफ फेज-1 एच ब्लॉक स्थित कोठी में चोरी के आरोप में पुलिस पूछताछ के नाम पर उत्तर-पूर्व की महिला को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि महिला को डीएलएफ फेज वन थाने में दस घंटे तक रख कर जबरन जुर्म कबूल कराने के लिए पुलिस कर्मियों ने मारपीट की। बुधवार की शाम उत्तर-पूर्व के लोगों के विरोध पर देर शाम पुलिस आयुक्त मोहम्मद अकील ने डीएलएफ फेज-1 थाना प्रभारी संवित समेत चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया।
पुलिस आयुक्त ने एसपी को सौंपी जांच
पुलिस आयुक्त ने जांच एसीपी को सौंप दी है। जांच में दोषी पाए जाने पर आरोपियों को निलंबित कर दिया जाएगा। मारपीट करने वाली दो महिला पुलिस कर्मियों को निलंबित करने की भी खबर है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की गई।
असम की रहने वाली है महिला
मूल रूप से असम निवासी 30 वर्षीय महिला डीएलएफ फेज-1 एच ब्लॉक में एक कोठी में घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती थी। 31 अगस्त को कोठी में चोरी हुई थी। कोठी मालिक ने घरेलू सहायिका सहित दो अन्य महिलाओं पर चोरी का शक जताया, जिसके बाद डीएलएफ फेज-1 थाना पुलिस ने महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर पूछताछ के लिए मंगलवार सुबह सुबह नौ बजे सभी को थाने में बुलाया।
थाने में कपड़े उतार कर मारने का आरोप
पीड़िता का आरोप है कि उसे थाने में बने कमरे में ले जाकर कपड़े उतार कर मारा गया। कमर के निचले हिस्से में इतनी बुरी तरीके से मारा गया कि चमड़ी छिल गई। रात करीब नौ महिला के पति को बुलाकर महिला को दोबारा लाने को कह थाने से भेज दिया गया था।
नहीं है चलने की हालत
महिला चलने की हालत में नहीं थी। उसे ऑटो से कमरे तक लाया गया था। महिला के पति ने बुधवार सुबह थाने में दोबारा पेश होने का दबाव बनाने की सूचना पर दिल्ली और आसपास के उत्तर-पूर्व से जुड़े संगठनों को सूचना दी गई तो वे डीएलएफ फेज-1 थाने में पहुंचे।
थाना प्रभारी पर कार्रवाई की मांग
उन्होंने थाना प्रभारी समेत एसीपी और डीसीपी से आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। करीब पांच घंटे तक चली बातचीत में एसीपी अमन यादव ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, तब जाकर सभी लोग शांत हुए। एसीपी की ओर से रिपोर्ट आला अधिकारियों को भेज दी गई।