चौमा कांड : वन विभाग के दो अधिकारियों की पुलिस को तलाश
गांव चौमा में बिना अनुमति के की गई पेड़ों की कटाई मामले में आरोपित रेंज ऑफिसर एवं फारेस्टर की गिरफ्तारी को लेकर जांच टीम ने प्रयास तेज कर दिया है। चर्चा है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए ही दोनों कुछ दिन से कार्यालय नहीं आ रहे हैं। मामले में आरोपित फारेस्ट गार्ड प्रवीण कुमार दस दिन पहले जांच टीम के हत्थे चढ़ चुका है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : गांव चौमा में बिना अनुमति के पेड़ों की कटाई किए जाने के मामले में आरोपित रेंज ऑफिसर एवं फॉरेस्टर की गिरफ्तारी को लेकर जांच टीम ने प्रयास तेज कर दिया है। चर्चा है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए ही दोनों अधिकारी कुछ दिन से कार्यालय नहीं आ रहे हैं। मामले में आरोपित फॉरेस्ट गार्ड प्रवीण कुमार 10 दिन पहले जांच टीम के हत्थे चढ़ चुका है।
बता दें कि वर्ष 2017 में जनवरी के दौरान एम3एम नामक बिल्डर ने गांव चौमा में अपनी जमीन पर खड़े 2200 से अधिक पेड़ बिना अनुमति के ही कटवा डाले थे जबकि केवल 20 पेड़ काटने की अनुमति मांगी थी। जब मामले की जांच की गई तो पता चला कि वन विभाग के गार्ड की मिलीभगत से बिल्डर ने बिना अनुमति के पेड़ काटे थे। इस बात की जानकारी विभाग के तत्कालीन रेंज ऑफिसर एवं फॉरेस्टर को थी। इससे शक है कि तीनों की मिलीभगत से ही चौमा कांड को अंजाम दिया गया था।
मामले की जांच के लिए सहायक पुलिस आयुक्त (डीएलएफ) करण गोयल के नेतृत्व में एक टीम गठित है। टीम फॉरेस्ट गार्ड को गिरफ्तार कर चुकी है। तभी से रेंज ऑफिसर एवं दूसरे फॉरेस्टर पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। सूत्र बताते हैं कि दोनों को गिरफ्तार करने के लिए दो-तीन बार टीम कार्यालय में आ चुकी है। इधर, मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर वन विभाग बिल्डर पर डेढ़ करोड़ रुपये का जुर्माना लगा चुका है।