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इंडस्ट्री की जरूरतों से जीआइए ने केंद्रीय मंत्री को कराया अवगत

गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (जीआइए) का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार से उनके दिल्ली स्थित कार्यालय में मिला।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 06:37 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 06:37 PM (IST)
इंडस्ट्री की जरूरतों से जीआइए ने केंद्रीय मंत्री को कराया अवगत
इंडस्ट्री की जरूरतों से जीआइए ने केंद्रीय मंत्री को कराया अवगत

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (जीआइए) का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार से उनके दिल्ली स्थित कार्यालय में मिला। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जीआइए अध्यक्ष जेएन मंगला ने किया। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री को गुरुग्राम की औद्योगिक जरूरतों से अवगत कराया गया। उनके समक्ष मांग रखी गई कि गुरुग्राम में एक और ईएसआइ अस्पताल सहित और कुछ और डिस्पेंसरी की जरूरत है। उन्हें बताया गया कि औद्योगिक क्षेत्र में कंपनियों और वहां काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या तो बढ़ी है, मगर उसके मुकाबले स्वास्थ्य सुविधाएं काफी कम हैं।

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जीआइए प्रतिनिधिमंडल में जीआइए के पूर्व अध्यक्ष एसबी अग्रवाल, उपाध्यक्ष मेजर (रिटा.) केसी संदल, महासचिव दीपक मैनी, सह-सचिव मनोज जैन, कोषाध्यक्ष विनोद गुप्ता व जीआइए सदस्य सुमित मंगला सहित अन्य सदस्य शामिल रहे। जेएन मंगला ने बताया कि मंत्री को श्रम एवं रोजगार से संबंधित औद्योगिक समस्याओं से भी अवगत कराया गया। गुरुग्राम में ईएसआइ व डिस्पेंसरी बनाने की मांग को लेकर ज्ञापन भी दिया गया। जीआइए पदाधिकारियों ने मंत्री को बताया कि भविष्य निधि के अंतर्गत यदि किसी कंपनी को डी-रजिस्टर करना है तो इसे लेकर न तो पोर्टल में कोई प्रावधान है, न ही विभाग द्वारा इस पर कार्यवाही की जाती है। इसे लेकर मंत्री ने समाधान का आश्वासन दिया।

जीआइए महासचिव दीपक मैनी ने श्रम सुधार का मुद्दा उठाया। लाइसेंसिग प्रणाली को समाप्त करने की भी मांग उन्होंने केंद्रीय मंत्री से की। संतोष गंगवार ने उनकी बात को ध्यान से सुनने के बाद कहा कि जल्द ही इस संबंध में लोकसभा में बिल आने वाला है जिसके पास होने से श्रम संबंधी काफी समस्याओं का निवारण हो जाएगा। प्रधानमंत्री योजना के अंर्तगत नियोक्ताओं को भविष्य निधि अंशदान पर मिलने वाले लाभ को 31 मार्च को रोक दिया गया था जिस पर मंत्री ने कहा कि इस विषय पर संसद मे पुनर्विचार किया जाएगा।


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