मिशन एडमिशन : दूसरी कटऑफ में खाली रह गई सीटें, वेटिग लिस्ट के इंतजार में विद्यार्थी
उच्चतर शिक्षा विभाग ने कॉलेजों में दाखिले के लिए दूसरी कटऑफ लिस्ट जारी कर दी लेकिन लिस्ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि कई कॉलेजों में अधिकतर कोर्सों में सीटें खाली रह गई। उधर पहली कटऑफ से निराश विद्यार्थियों ने इस कटऑफ से आस थी लेकिन उन्हें इसमें जगह नहीं मिल सकी। अब विद्यार्थियों को समझ में नहीं आ रहा है कि सीटें रिक्त होने के बावजूद उनका नाम इस लिस्ट में क्यों नहीं आया।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : उच्चतर शिक्षा विभाग ने कॉलेजों में दाखिले के लिए दूसरी कटऑफ लिस्ट जारी कर दी, लेकिन लिस्ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि कई कॉलेजों में अधिकतर कोर्सों में सीटें खाली रह गई। उधर, पहली कटऑफ से निराश विद्यार्थियों की इस कटऑफ से आस थी लेकिन उन्हें इसमें जगह नहीं मिल सकी। अब विद्यार्थियों को समझ में नहीं आ रहा है कि सीटें रिक्त होने के बावजूद उनका नाम इस लिस्ट में क्यों नहीं आया।
इस बारे में विशेषज्ञ बता रहे हैं कि दाखिला प्रक्रिया में हुए बदलावों के चलते ऐसा हुआ है। छात्राओं के पसंदीदा सेक्टर-14 स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय में महज दो ही कोर्सों में दूसरी कटऑफ जारी हुई है। नए खुले कॉलेजों में केवल कॉमर्स कोर्स में पांच प्रतिशत सीटों पर ही लिस्ट जारी की गई है। पहली कटऑफ के तहत पुराने कॉलेजों में 50 प्रतिशत सीटों पर दाखिले हो चुके हैं। बेहतर कॉलेज की होड़ में दाखिले से वंचित रह गए विद्यार्थी
जिले के पुराने कॉलेजों में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और कई कोर्सों के विकल्प के चलते विद्यार्थियों ने इन्हीं कॉलेजों को प्राथमिकता दी है। हालांकि कम प्रतिशत अंक पाने के कारण उन्होंने नए खुले कॉलेजों में आवेदन तो किया, लेकिन वहां पर कटऑफ में नाम आने के बाद भी दाखिला नहीं लिया। दाखिला प्रक्रिया में हुए बदलाव के कारण इस बार विद्यार्थी का एक कोर्स में एक ही कॉलेज में और एक बार ही नाम आना था। जानकारी के अभाव में विद्यार्थी दाखिले से वंचित रह गए हैं। विद्यार्थियों को अब वेटिग लिस्ट का है इंतजार
जिन विद्यार्थियों को दूसरी कटऑफ में जगह नहीं मिल पाई है, उन विद्यार्थियों को वेटिग लिस्ट से ही उम्मीद है। अब देखना यह है कि वेटिग लिस्ट में कितने प्रतिशत सीटों पर विद्यार्थियों को दाखिला मिल पाता है। उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा वेटिग लिस्ट 16 जुलाई को जारी की जाएगी। यह रही है मुख्य समस्या
विभाग द्वारा दाखिला प्रक्रिया के नियमों में हुए बदलाव के कारण अधिकतर विद्यार्थी दाखिले से वंचित रह गए हैं। बदले हुए नियमों के मुताबिक बेहतर अंक पाने वाले विद्यार्थियों को पहली कटऑफ में शामिल किया गया था। इसमें विद्यार्थी द्वारा भरे गए कॉलेजों के विकल्प को प्राथमिकता तो मिली, लेकिन साथ में उनके लिए समस्या भी बन गई।
जिन विद्यार्थियों को पहली कटऑफ में अपना पसंदीदा कॉलेज नहीं मिला और दूसरे कॉलेज में नाम आ गया, उन्होंने दाखिले की फीस नहीं भरी। वे इसी उम्मीद में रहे कि दूसरी कटऑफ में उनका पसंदीदा कॉलेज में नाम आएगा। विद्यार्थियों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि जिले के एक कॉलेज में एक कोर्स में एक बार ही विद्यार्थी का कटऑफ में नाम आना है। इसके तहत दिए गए समय में ही विद्यार्थी को दाखिले की फीस भी जमा करवानी है।