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जल सुरक्षा हेल्पलाइन की मदद से रिसाव से बचाया जा सकेगा पेयजल

दैनिक जागरण की आधा गिलास पानी और बिन पानी सब सून जैसा पानी बचाने का अभियान लोगों के लिए प्रेरणा की वजह बन रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jul 2019 06:14 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 08:14 PM (IST)
जल सुरक्षा हेल्पलाइन की मदद से रिसाव से बचाया जा सकेगा पेयजल
जल सुरक्षा हेल्पलाइन की मदद से रिसाव से बचाया जा सकेगा पेयजल

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : दैनिक जागरण के आधा गिलास पानी और बिन पानी सब सून जैसे पानी बचाने के अभियान लोगों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं। पिछले दिनों पर्यावरण संरक्षण पर काम कर रहे लोगों ने विभिन्न सोसायटियों के प्रतिनिधियों को साथ लेकर सिटीजन फॉर क्लीन एयर समूह ने जल बचाओ ग्रुप बनाया था। इस समूह ने पेयजल की पाइपलाइनों में रिसाव को रोकने के लिए हेल्पलाइन बनाने की मांग की थी।

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अलग-अलग सोसायटियों के करीब 40 लोगों ने अपने-अपने क्षेत्र और आस-पास की इलाकों में होने वाली पेयजल की किसी तरह की बर्बादी की सूचना देने और इसे रुकवाने के प्रयास के लिए स्वयंसेवक के रूप में अपनी सेवाएं देने की ठानी थी। इसी समूह के प्रतिनिधियों ने बुधवार को गुरुग्राम महानगरीय विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता ललित अरोड़ा से मुलाकात कर अपनी मांगें रखी। उन्होंने उनकी कुछ मांगों पर जल्द अमल किए जाने को लेकर सहमति दी। इसमें जल सुरक्षा हेल्पलाइन की मांग प्रमुख है।

बैठक में शामिल संगठन की संयोजक रुचिका सेठी टक्कर ने बताया कि जीएमडीए के मुख्य अभियंता ने कहा है कि बहुत जल्द एक हेल्पलाइन नंबर जारी होगा, जिसमें लीकेज की सूचना के साथ उसके समाधान की समयसीमा भी तय की जाएगी। यह एक विशेष सॉफ्टवेयर आधारित व्यवस्था होगी जिससे लोकेशन पता कर संबंधित ठेकेदार की जिम्मेदारी तय की जाएगी। हालांकि उन्होंने टैंकर माफिया द्वारा भूजल दोहन रोकने संबंधित उन लोगों की मांग को मानने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि इसमें दूसरे विभागों के सहयोग की भी जरूरत होगी। यह मांग जायज है, मगर इस पर जल्द कार्रवाई संभव नहीं। जीएमडीए के अधिकारों के अधीन पानी बचाने के जितने उपाय संभव हैं, वे जरूर करेंगे।

जल सुरक्षा हेल्प लाइन ग्रुप में विभिन्न सोसायटियों और सेक्टरों के लोग शामिल हैं। इनमें रुचिका सेठी टक्कर के साथ चैताली गोस्वामी मल्होत्रा, भवानी शंकर त्रिपाठी, अमिता ओझा, कविता बंसल, विभा बत्रा, मीता खुराना, बीना कुमावत, राजेश शुक्ला, सतपाल ठाकरान, सोना चटर्जी, सवनीत कौर, आशा, रवि, शालिनी कृपलानी, ललिता त्यागी, रेखा अग्रवाल, मोना जैन, हर्ष सहगल, सचिन कालरा, अमित कुमार सिंह, किशोर अस्थाना, हरीश कपूर, नीना गुप्ता, अनंदिता कर चौधरी, नम्रता अस्थाना, कुश कोचगवे, धर्मवीर सिंह, वर्षा चंदा, हरमिदर सोनी, पद्मा नांदयाल, सतीश कुमार सिंह, भावना शर्मा, अजय नायर, इना नंदा, ममता अग्रवाल और इंदु शर्मा शामिल हैं। इस समूह के लोग-अलग अलग सोसायटियों के प्रतिनिधि हैं।

हमने लोगों को यह बताया कि जीआइएफ मॉडल पर एक हेल्पलाइन नंबर लोगों को दिया जाएगा, जिससे लीकेज मरम्मत का काम आसान होगा। समय सीमा निर्धारित होगी। इसको लेकर एक सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है, जो इसी का हिस्सा होगा। पानी की बर्बादी रोकने में इससे आसानी हो जाएगी। मगर इसमें एक दो हफ्ते का समय लगेगा।

- ललित अरोड़ा, चीफ इंजीनियर जीएमडीए


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