हीरो होंडा चौक फ्लाईओवर पर नहीं चलेंगे भारी वाहन
भारी वाहनों पर रोक लगाने के लिए सोमवार को न केवल पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक) से बात की जाएगी बल्कि लिखित रूप से मांग की जाएगी। जांच कमेटी की सिफारिश के अनुसार काम किया जाएगा। किसी भी कीमत पर सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता।
आदित्य राज, गुरुग्राम
हीरो होंडा चौक फ्लाईओवर के डैमेज वाले हिस्से (जयपुर से दिल्ली वाली साइड) से भारी वाहनों के गुजरने पर रोक लगाई जाएगी। इस बारे में जांच कमेटी ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंपी अंतरिम रिपोर्ट में सिफारिश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक फ्लाईओवर दुरुस्त नहीं हो जाता, तब तक भारी वाहन नहीं चलने चाहिए।
दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे स्थित हीरो होंडा चौक पर बनाए गए फ्लाईओवर के एक भाग में दस दिन पहले एक साल के भीतर दूसरी बार गड्ढा बन गया था। इसके बाद गड्ढे को भरकर घेर दिया गया है। इस वजह से दो लेन से सभी प्रकार के वाहन निकल रहे हैं, लेकिन जांच के लिए गठित कमेटी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि दो लेन से केवल कारों के ही निकलने की इजाजत देनी चाहिए। भारी वाहन सर्विस लेन से होकर निकलें। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के निदेशक (प्रोजेक्ट) एके शर्मा गुरुग्राम के पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक) को पत्र लिखेंगे। इसके बाद सुरक्षा को ध्यान में रखकर भारी वाहनों पर रोक लगना स्वभाविक है। पिछले सप्ताह गठित की गई है कमेटी
पूरे फ्लाईओवर की बारीकी से जांच के लिए पिछले सप्ताह कमेटी गठित की गई है। इसमें देश के टॉप स्ट्रक्चरल इंजीनियरों में से एक प्रो. महेश टंडन, एनएचएआइ के पूर्व सदस्य वीएल पटनाकर एवं एनएचएआइ के सलाहकार एके श्रीवास्तव को शामिल किया गया है। कमेटी एक बार जांच के लिए गुरुग्राम आ चुकी है। अब निर्माण से संबंधित कागजात कमेटी ने मांगी है। आइआइटी मुंबई (इसी संस्थान ने फ्लाईओवर का डिजाइन फाइनल किया था) ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सूत्र बताते हैं कि रिपोर्ट में पिछली बार जिस तरह गड्ढा भरा गया था, उसी तरह इस बार भी भरने की बात की गई है।
निर्माण कंपनी से लेकर अथॉरिटी इंजीनियर ने भी अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सभी रिपोर्ट के आधार पर जांच कमेटी अंतिम निर्णय लेगी। बता दें कि एनएचएआइ ने निर्माण की जिम्मेदारी वलेचा इंजीनियरिग नामक कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपी थी जबकि अथॉरिटी इंजीनियर की जिम्मेदारी यानी प्रोजेक्ट के ऊपर नजर रखने की जिम्मेदारी इंडियन टेक्नोक्रेट लिमिटेड नामक कंपनी को सौंपी थी। सभी जिम्मेदार के खिलाफ आरटीआइ कार्यकर्ता कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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भारी वाहनों पर रोक लगाने के लिए सोमवार को न केवल पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक) से बात की जाएगी बल्कि लिखित रूप से मांग की जाएगी। जांच कमेटी की सिफारिश के अनुसार काम किया जाएगा। किसी भी कीमत पर सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। एक बार फ्लाईओवर की पूरी तरह बारीकी से जांच करना आवश्यक है। जांच कमेटी जिस तरह से फ्लाईओवर को दुरुस्त करने की सिफारिश करेगी, उसी तरह काम किया जाएगा।
-एके शर्मा, निदेशक (प्रोजेक्ट), एनएचएआइ, गुरुग्राम