मेरा वोट आतंक के खिलाफ
रविवार को गुरुग्राम के गांव फाजिलपुर बादली में 99 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी महाशय परमानंद ने मतदान कर खुशी का इजाहर किया। परमानंद ने कहा कि वोट करने का दिन मेरे लिए दीपावली पर्व जैसा होता है। इस अधिकार को पाने के लिए हमने गोलियां खाई और बहुत वीर बहादुर जवानों ने जीवन की कुर्बानी दी।
मेरा वोट आंतक के खिलाफ और देश की मजबूती के लिए है। वोट करने का दिन मेरे लिए दीपावली पर्व जैसा होता है। इस अधिकार को पाने के लिए हमने गोलियां खाईं और वीर जवानों ने कुर्बानी दी। मतदाता को मतदान करने का इंतजार रहता है। मैंने आजादी के बाद 17वीं बार लोकसभा चुनाव में मतदान किया है।
- स्वतंत्रता सेनानी महाशय परमानंद (99 वर्ष), फाजिलपुर बादली।
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मतदान करने के दिन का इंतजार बड़ा था। रविवार को सबसे पहले गांव कांकरौला में अपना मतदान किया और फिर पड़ोस की बुजुर्ग महिलाओं को केंद्र पर ले जाकर मतदान कराया। देश की सबसे बड़ी पंचायत का मुखिया चुनने के लिए मतदान कर बड़ी खुशी मिली। मेरा मतदान केंद्र में मजबूत सरकार के लिए है।
- मनीष यादव, अंतरराष्ट्रीय सैंबो कुश्ती पहलवान देश की एकता, अखंडता एवं सुरक्षा के मुद्दे पर मैंने मतदान किया है। केंद्र में जब मजबूत सरकार होगी तो देश का विकास एवं देशवासियों का मनोबल ऊंचा रहेगा। सेक्टर-47 स्थित मतदान केंद्र में अपने मत का प्रयोग करने के साथ अन्य को मतदान करने के लिए प्रेरित किया।
- परमजीत यादव, पूर्व अंतरराष्ट्रीय पहलवान मेरा मत आतंक के खिलाफ लड़ाई जीतने और देश की मजबूती के लिए है। अपने गांव तिरपड़ी में मतदान किया। मेरा मानना है कि लोकतंत्र को मजबूत करने के साथ देश में मजबूत सरकार देता है। देश में विकास की रफ्तार मतदान के माध्यम से ही तेज की जा सकती है।
जितेंद्र कुमार, अंतरराष्ट्रीय पहलवान
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