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चुनाव प्रचार थमा, मतदाताओं को अलग तरीके से रिझाने में जुटे प्रत्याशी

जनसभाओं एवं रैलियों का दौर खत्म होने के साथ ही गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं को रिझाने के लिए नए-नए तरीके आजमाने का सिलिसला शुरू हो गया है। इसके लिए हर कोई अपने-अपने स्तर पर रणनीति पहले ही तैयार कर रखी थी। इसी के जरिए वह प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि वह उन मतदाताओं को अपने साथ अंत तो जोड़ें रखे जो अभी तक उनके साथ हैं। साथ ही अपनी कमजोर कड़ियों को दुरुस्त के लिए ही सभी पुरजोर तरीके से जुट चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 May 2019 06:44 PM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 06:29 AM (IST)
चुनाव प्रचार थमा, मतदाताओं को अलग तरीके से रिझाने में जुटे प्रत्याशी
चुनाव प्रचार थमा, मतदाताओं को अलग तरीके से रिझाने में जुटे प्रत्याशी

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

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जनसभाओं एवं रैलियों का दौर खत्म होने के साथ ही गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं को रिझाने के लिए नए-नए तरीके आजमाने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसके लिए हर कोई अपने-अपने स्तर पर रणनीति पहले ही तैयार कर रखी थी। इसी के जरिए वह प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि वह उन मतदाताओं को अपने साथ अंत तो जोड़े रखें जो अभी तक उनके साथ हैं। साथ ही अपनी कमजोर कड़ियों को दुरुस्त के लिए ही सभी पुरजोर तरीके से जुट चुके हैं। शुक्रवार शाम छह बजे से रविवार को मतदान प्रक्रिया पूरी तक के लिए शराब के ठेके भी प्रशासन ने बंद करा दिए हैं।

गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र का सियासी समीकरण इस बार हर राजनीतिक दल के लिए बड़ा ही जटिल है। यही कारण है कि राष्ट्रीय पार्टियों से लेकर क्षेत्रीय दलों तक के प्रत्याशियों को पसीना बहाना पड़ रहा है। जब से इस लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार शुरू हुआ है तब से अब तक किसी भी प्रत्याशी को चैन की सांस लेने का मौका नहीं मिला है। राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों का कहना है कि पहले गांव-गांव गली-गली तक चुनावी अभियान चला अब घर-घर कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। एक दिन का जो समय बचा है वह हार-जीत के लिहाज से बड़ा ही निर्णायक है। इसमें कोई भी प्रत्याशी किसी प्रकार की सुस्ती बरतने के मूड में नहीं है।

चुनाव से संबंधित इस निर्णायक समय को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों द्वारा अपने-अपने समर्थकों की अलग-अलग टीमें बनाई गई है। जो दूसरे पार्टी के प्रत्याशियों की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख रही हैं। इन सभी को किसी भी प्रकार की संदेहास्पद स्थिति की सूचना प्रत्याशी तक त्वरित गति से पहुंचाने के निर्देश भी दिए गए हैं। हर प्रत्याशी द्वारा उन्हें भी मनाया जा रहा है जो उनसे किसी बात को लेकर नाराज हैं। इसमें उनके रिश्तेदारों का भी सहारा लिया जा रहा है। महिला कार्यकर्ताओं की भूमिका अब और महत्वपूर्ण हो गई है। जो घर-घर पहुंच कर अपने प्रत्याशी की स्थिति को और मजबूत करने का प्रयास कर रही हैं।

शाम छह बजे से थम गया प्रचार अभियान

गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र में पिछले कई दिनों से जारी चुनाव प्रचार शुक्रवार की शाम छह बजे से थम गया। लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर अमित खत्री द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि इस लोकसभा क्षेत्र में बाहर से चुनाव प्रचार के लिए आए लोगों को क्षेत्र से बाहर जाना होगा। गुड़गांव में मतदान रविवार को है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार मतदान संपन्न होने के 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद होना चाहिए। इस अवधि में मतदाताओं को रिझाने के लिए कोई भी नुक्कड़ सभा, जनसभा नहीं की जा सकती।


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