गीता जीवन जीने का तरीका बताती है : स्वामी ज्ञानानंद
गुरुग्राम विश्वविद्यालय में गुरु नानक देवजी के जन्म उत्सव के लिए विवि और श्रीविश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने ग्लोबल इंसप्रेशन एंड एनलाइटमेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ गीता के सहयोग से कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज मुख्य अतिथि रहे।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: गुरु नानक देव के जन्म उत्सव के उपलक्ष्य में गुरुग्राम विश्वविद्यालय और श्रीविश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने ग्लोबल इंसप्रेशन एंड एनलाइटमेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ गीता के सहयोग से कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम गुरुग्राम विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ। इस दौरान महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज मुख्य अतिथि रहे।
उन्होंने कहा कि सेल्फ मैनेजमेंट के लिए तीन चीजों का होना आवश्यक है- एक्टिव, अलर्ट, अवेयर। गीता पूरी तरह से तथ्यों पर आधारित ग्रंथ है, यह केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं बल्कि जीवन जीने का तरीका भी बताती है। विचारों के जरिए मानव किसी भी ऊंचाई तक जा सकता है। गीता में त्याग भाव की प्रेरणा मिलती है।
विवि के कुलपति डॉ. मार्कंडे आहूजा ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इस कार्यक्रम का आयोजन किया है। उनका कहना है कि गीता मन को दृढ़ करती है। इस दौरान स्वामी ज्ञानानंद महाराज को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने गीता पर लिखी अपनी प्रतियों से भजन सुनाया। कार्यक्रम में विवि के कुलसचिव डॉ. शशि भूषण भारती, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर के डायरेक्टर डॉ. नवनीत शर्मा, आइएलएम विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुजाता साही, स्टारएक्स विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. अशोक दिवाकर, इंडियन स्कूल ऑफ हॉस्पिटैलिटी के चेयरमैन दिलीप पूरी, भीमराव आंबेडकर नेशनल लॉ विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. विनय कपूर, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. अन्नापूर्णा शर्मा समेत विवि के सभी प्राध्यापक और स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मंच संचालन कौशल विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. रितु बजाज ने किया।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप