मुश्किलें रोक नहीं पाईं कामयाबी की राह
कमजोर तबके के विद्यार्थियों को अगर मौका मिले तो वे भी मिसाल कायम कर सकते हैं। संसाधनों के अभाव में भी बेहतर प्रदर्शन देकर सीबीएसई दसवीं कक्षा की छात्रा वर्षा दलाल में उदाहरण पेश किया है। 97.2 प्रतिशत अंक प्राप्त करके एमिटी इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा वर्षा ने यह परीक्षा पास की है।
प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम
कमजोर तबके के विद्यार्थियों को अगर मौका मिले तो वे भी मिसाल कायम कर सकते हैं। संसाधनों के अभाव में भी बेहतर प्रदर्शन कर सीबीएसई दसवीं कक्षा की छात्रा वर्षा दलाल में उदाहरण पेश किया है। 97.2 प्रतिशत अंक प्राप्त करके एमिटी इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा वर्षा ने यह परीक्षा पास की है। आइएएस अधिकारी बनना चाहती है वर्षा
पिता सुधीर दलाल के गुजर जाने के बाद वर्षा की मां ने उन्हें पढ़ने के लिए लगातार प्रेरित किया। वर्षा को अपने घर-परिवार की आर्थिक स्थिति का अंदाजा है, ऐसे में वे अपनी पढ़ाई के माध्यम से ही परिवार की मदद करना चाहती हैं। वर्षा ने आरटीई के नियम 134-ए के तहत एमिटी स्कूल में दाखिला पाया था।
मां वंदना दलाल गृहणी हैं और बेटी की इस सफलता से बेहद खुश हैं। उनके मुताबिक बेटी ने हमेशा उनकी स्थिति समझी है और अपनी उम्र के बच्चों से ज्यादा गंभीर है। केवल पढ़ाई की नहीं, वर्षा तीरंदाजी में भी महारथ रखती हैं। राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक ला चुकी वर्षा खेलों को जारी रखना चाहती हैं। राह में मुश्किलें आईं लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। कई बार उन्हें स्पोर्ट्स में समय देने की वजह से पढ़ाई के लिए वक्त नहीं मिल पाता था लेकिन फिर भी उन्होंने हर हाल में नियमित पढ़ाई का दामन नहीं छोड़ा। वर्षा मां व और शिक्षकों को अपनी सफलता का श्रेय देती हैं। डिक्लेक्सिया को मात दे पाई सफलता
आर्थिक संकट को देखते हुए स्कूल में दाखिला मिला तो गौरव दहिया ने अपना शत-प्रतिशत देने की कोशिश की। एमिटी इंटरनेशनल स्कूल के छात्र गौरव की सफलता सफलतम बच्चों की रेस में थोड़ी कमतर जरूर है लेकिन यह सफलता भी उनके लिए और स्कूल के लिए मायने रखती है क्योंकि वे डिस्लेक्सिक (पढ़ने-लिखने में अपेक्षाकृत धीमे) छात्र हैं। 81.4 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले गौरव ने इससे पहले 'खेलो इंडिया' के कबड्डी में अंडर 17 में टूर्नामेंट जीता था। इसके लिए हरियाणा सरकार की तरफ से उन्हें 50 हजार रुपये प्रतिमाह अगले आठ वर्षों तक के लिए दी जाएगी। पिता कुलदीप दहिया और माता कृष्णा दहिया बच्चे की सफलता को लेकर भावुक हैं। हालांकि गौरव का कहना था कि उन्हें खेलों में ही अपना करियर बनाना है लेकिन वे पढ़ाई पूरी करेंगे।