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प्रदूषण: गैस चैंबर बनता जा रहा है गुरुग्राम

अब शहर में वायु प्रदूषण की समस्या स्थाई हो गई। आए दिन वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा दर्ज हो रहा है जो हर हाल में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। सर्दी के इस सीजन में कोई ऐसा दिन बीता होगा, जिस दिन वायु प्रदूषण का स्तर कम दर्ज किया गया हो। रविवार को वायु प्रदूषण का स्तर 400 पीएम 2.5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के आस पास तक पहुंच गया। दिन के दोपहर में वायु प्रदूषण 2

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 05:42 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 05:42 PM (IST)
प्रदूषण: गैस चैंबर बनता जा रहा है गुरुग्राम
प्रदूषण: गैस चैंबर बनता जा रहा है गुरुग्राम

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: अब शहर में वायु प्रदूषण की समस्या स्थायी हो गई। आए दिन वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा दर्ज हो रहा है जो हर हाल में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। सर्दी के इस सीजन में कोई भी ऐसा दिन नहीं बीता होगा, जिस दिन वायु प्रदूषण का स्तर कम दर्ज किया गया हो। रविवार को वायु प्रदूषण पीएम 2.5 का स्तर 400 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के आस पास तक पहुंच गया। रविवार की दोपहर वायु प्रदूषण पीएम 2.5 का स्तर 283 दर्ज किया गया, जबकि पीएम 2.5 स्तर 50 से ज्यादा होना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। शहर में उद्योग के कारण वायु प्रदूषण नहीं है। क्योंकि यहां पर वायु प्रदूषण करने वाले उद्योग नहीं है फिर भी शहर में वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहता है। वायु प्रदूषण के कारण

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शहर में वायु प्रदूषण के कई कारण हैं। सड़कों पर उड़ती धूल के अलावा डीजल ऑटो और सड़कों पर लगने वाला जाम है। शहर में 30 हजार से ज्यादा डीजल ऑटो चल रहे हैं। जो ऑटो सबसे ज्यादा काला धुंआ छोड़ रहे हैं और उनके प्रदूषण मामले के लाइसेंस भी मान्य हैं। डीजल ऑटो वालों ने शहर की कोई सड़क नहीं छोड़ी है जिस पर कब्जा न किया हो। इसके अलावा दुकानदारों द्वारा सड़कों पर कब्जा भी वाहनों की रफ्तार कम कर रहा है। हैरानी यह है कि बिना धुआं छोड़ने वाली कार-बाइक का पुलिस सिर्फ इसलिए चालान काट देती है कि उनके पास प्रदूषण का सर्टिफिकेट नहीं होता है और उसी शहर में धुआं छोड़ रहे ऑटो वालों की कोई जांच या चालान नहीं कर रहा। कई बार शहर को वायु प्रदूषण मुक्त करने के लिए चंडीगढ़ से आए उच्च अधिकारियों ने यहां के होटलों में बैठक कर प्लान बनाया है कि शहर की सड़कों को साफ करने के साथ कब्जा मुक्त रखा जाए लेकिन ऐसा कभी हो नहीं पाया। प्राइवेट व सरकारी बसें

ऑटो वालों की तरह सरकारी व प्राइवेट बसें शहर में जाम का मुख्य कारण है। सड़क के बीच बसों को खड़ी कर सवारियों का इंतजार करते हैं और जाम लगता है।


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