126 करोड़ रुपये खर्च करने पर भी लगा 18 लाख टन कूड़े का पहाड़
फरीदाबाद-गुरुग्राम में कचरा प्रबंधन कर रही इको ग्रीन कंपनी पर कचरा प्रबंधन के नाम पर घोटाला करने का आरोप है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: फरीदाबाद-गुरुग्राम में कचरा प्रबंधन कर रही इको ग्रीन कंपनी पर कचरा प्रबंधन के नाम पर घोटाला करने का आरोप है। बृहस्पतिवार को पानीपत के आरटीआइ कार्यकर्ता पीपी कपूर ने यहां पत्रकारवार्ता में कहा कि आरटीआइ से मिली जानकारी के मुताबिक कूड़े से बिजली बनाने का दावा करने वाली इको ग्रीन कंपनी ने बंधवाड़ी में 18 लाख टन कूड़े का पहाड़ बना दिया है। नगर निगम गुरुग्राम व फरीदाबाद ने 31 माह में इको ग्रीन को 126 करोड़ रुपये का भुगतान लिया है।
आरटीआइ कार्यकर्ता पीपी कपूर ने इस पूरे प्रोजेक्ट को पर्यावरण विरोधी व घोटाला बताते हुए तत्काल रद करने की मांग की है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी इको ग्रीन कंपनी को प्रदूषण फैलाने व पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने पर 25 लाख रुपये का जुर्माना 11 नवंबर 2019 को लगाया था। टेंडर एग्रीमेंट की शर्तों के मुताबिक सात लाख रुपये या इससे ज्यादा जुर्माना लगने पर नगर निगम को ठेका रद करने का अधिकार है। लेकिन नगर निगम फरीदाबाद ने जून 2020 तक कुल 1.57 करोड़ रुपये से ज्यादा जुर्माना लगाने के बावजूद ठेका रद करने की कारवाई नहीं की।
गुरुग्राम नगर निगम भी 400 मामलों में कंपनी पर जुर्माना लगा चुका है। पीपी कपूर ने बताया कि इकोग्रीन कंपनी ने टेंडर एग्रीमेंट के विरुद्ध सीनियर डिप्टी मेयर प्रोमिला कबलाना के सगे भाई योगेंद्र को जोन-2 में डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्र करने व कूड़े को उठाने का ठेका लिखित रूप से दिया है।