बढ़ती ठंड के बीच गेहूं में आ रहा पीलापन
सर्दी के मौसम में अचानक पाला पड़ने से फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ने लगा है। कई जगह गेहूं की फसल में अचानक पीलापन आ गया है। इससे किसान चितित हैं। किसानों के मन में घर कर गया है कि कहीं पीलापन आने से उत्पादन पर असर न पड़ जाए।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
सर्दी के मौसम में अचानक पाला पड़ने से फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ने लगा है। कई जगह गेहूं की फसल में अचानक पीलापन आ गया है। इससे किसान चितित हैं। किसानों के मन में घर कर गया है कि कहीं पीलापन आने से उत्पादन पर असर न पड़ जाए। ऐसे में किसान कई दवा विक्रेताओं से सीधे दवा का छिड़काव कर रहे है। जबकि उन्हें गेहूं की फसल में छिड़काव से पहले कृषि विभाग के एडीओ से संपर्क करते हुए उपचार करना चाहिए। वैसे ये पीलापन जमीन में उर्वरा शक्ति कम होने की निशानी है। यदि बिजाई के समय अगर किसान सावधानी बरतें तो वे उसमें लगने वाली बीमारी व होने वाले नुकसान से बच सकते हैं। किसान बिजाई के समय गेहूं में यूरिया की पूरी खुराक नहीं डाली। खेत में मात्र 25 किलो यूरिया ही डाला गया है। सर्दी के कारण पौधे को नाइट्रोजन नहीं मिलने के कारण पीलापन आया है। किसान इस कमी की पूर्ति अब भी कर सकते है। वहीं कई जगह दिन के तापमान कम रहने व बादलवाई रहने से गेहूं की फसल में पीलापन दिखाई देता है। इसके लिए किसान ढाई किलोग्राम यूरिया में 500 ग्राम जिक सल्फेट (21 फीसद) को 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ स्प्रे करे। दो सप्ताह लगातार स्प्रे करने से इसका किसान को जबरदस्त असर मिलेगा। फसल का उत्पादन भी बढि़या होगा। यदि किसान स्प्रे न करें तो वे यूरिया का छिड़काव कर सकते हैं।
--------------------------------- ठंड के मौसम तथा जमीन में उर्वरा शक्ति कम होने से गेहूं की फसल में पीलापन आ जाता है। ऐसे में जरूरी है किसान फसलों की नियमित देखभाल करें। यदि गेहूं में पीलापन आ रहा है तो संबंधित एडीओ को फसल को दिखाते हुए किसान उचित उपचार कर सकता है। पीलापन के लिए ज्यादा चितित होने वाली बात नहीं है।
- डा. भीम सिंह कुलड़िया, एसडीओ, कृषि विभाग।