जॉब कार्ड के लिए भटक रहीं महिलाएं
जागरण संवाददाता फतेहाबाद शहर के साथ लगते गांव मताना पंचायत के अधीन आने वाली हंस काल
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
शहर के साथ लगते गांव मताना पंचायत के अधीन आने वाली हंस कालोनी व स्वामीनगर के ग्रामीणों को मनरेगा के तहत काम नहीं मिल रहा। इससे ग्रामीण में रोष हैं। उनका कहना है कि वे मनरेगा के लिए जॉब कार्ड बनवाने के लिए कई बार सरपंच से लेकर एडीसी तक मिल चुके हैं। यहां तक की दो बार विधायक दुड़ाराम से भी मिले। वे भी मनरेगा के तहत जॉब कार्ड नहीं बनवा रहे। इससे उन्हें परेशानी आ रही है। अब उन्होंने मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी है। जिसमें उन्होंने जॉब कार्ड बनाने की मांग करते हुए संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
हंस कालोनी व स्वामीनगर के ग्रामीण शिमला देवी, सुलताना, बंसो, जीतो, मीरो देवी, मीना, नीलम, सिलोचना, अनिल कुमार व कमलेश ने बताया कि उनका क्षेत्र गांव मताना पंचायत के अधीन है। मनरेगा योजना चलते हुए 12 साल से अधिक समय बीत गया। जबकि मताना गांव में लोगों के जॉब कार्ड बने हुए है। परंतु मताना पंचायत के अधीन उनकी स्वामी नगर व हंस कालोनी के लोगों के कार्ड नहीं बनाए जा रहे। जबकि मताना के वर्तमान सरपंच संजय रूखाया स्वामीनगर से संबंधित है। उसके बाद भी उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया।
ग्रामीणों ने बताया कि पहले तो उनको शहर व आसपास के क्षेत्र में दिहाड़ी का काम मिल जाता। लेकिन कोरोना काल में दिहाड़ी मिलनी बंद हो गई। पिछले कुछ समय से तो खेतीहर मजदूरी का काम भी नहीं रहा। ऐसे में उनके सामने घर-गृहस्थी चलाने में परेशानी आ रही है। अब वे संबंधित अधिकारियों के खिलाफ पूरे मामले को लेकर वीरवार को सांसद सुनीता दुग्गल से मिलेगी। उनको अधिकारियों व सरपंच की मनमानी की शिकायत देंगे।
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स्वामी नगर व हंस कालोनी के 150 लोगों के मनरेगा के तहत जॉब कार्ड बना दिए हैं। जिनको वीरवार को जारी कर दिया जाएगा। जो नया बनाना चाहते है उनके भी दस्तावेज लेकर जॉब कार्ड बना दिए जाएंगे। किसी भी ग्रामीण को परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
- संजय रुखाया, सरपंच गांव मताना।
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