महिलाएं संगठित होकर बने सशक्त : डीसी
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा पंचायत भवन परिसर में सोमवार को जिला स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ रहे।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा पंचायत भवन परिसर में सोमवार को जिला स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ रहे।
समारोह की अध्यक्षता मिशन के जिला प्रबंधक रणविजय कुमार ने की। उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने कहा कि महिलाओं को संगठित होकर व सशक्त बनकर परिवार, समाज व देश की आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक व राजनीतिक प्रगति के लिए भूमिका निभानी चाहिए। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन महिलाओं को इसके लिए उपयुक्त प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवा रहा है। महिलाओं को इसका फायदा उठाना चाहिए। सीएमजीजीए ज्योति यादव व जिला कार्यक्रम अधिकारी राजबाला जांगड़ा ने महिलाओं का उत्साहवर्धन किया और मिशन का फायदा उठाने के लिए प्रेरित किया।
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2013 में बीघड़ से हुई थी मिशन की शुरूआत :
जिले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन की शुरूआत वर्ष 2013 में गांव बीघड़ से हुई थी। अब जिले के सभी सातों खंडों में कुल 2930 स्वयं सहायता समूह बन चुके हैं, जिनमें 31 हजार 409 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। स्वयं सहायता समूहों का निर्माण और संवर्धिकरण कर 209 ग्राम संगठनों का गठन किया गया है तथा इन ग्राम संगठनों को मिलाकर जिला में कुल 9 महिला क्लस्टर संगठन अब तक बनाए जा चुके हैं। इन क्लस्टर संगठनों को मिलाकर जिला स्तर पर आजीविका महिला महासंघ का गठन भी किया गया है जिसके माध्यम से ग्रामीण गरीब परिवार की महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से प्रगति के पथ पर अग्रसर किया है।
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समूह की जुड़ी महिलाओं को मिली 2 करोड़ 42 लाख की मदद :
आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं को सरकार अब तक 2 करोड़ 42 लाख रुपये की मदद की है। यह मदद 2337 समूहों को रिवॉलविग फंड के रूप में दिये गए है। वहीं 151 ग्राम संगठनों को 7 करोड़ 22 लाख रुपये की मदद सीआइएफ के रूप में दिया गया है।
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आजीविका मिशन का टर्न ओवर 9 करोड़ का :
जिले की महिला समूह की महिलाओं ने कुल 9 करोड 70 लाख 31 हजार 666 रुपये का लेन-देन किया है। इस लेन-देन से 18 लाख 54 हजार 267 रुपये ब्याज की आमदनी हुई है। इसी प्रकार 1788 स्वयं सहायता समूहों को बैंको द्वारा कुल 15 करोड़ 43 लाख रुपये का ऋण प्रथम किस्त के रूप में दिया गया है तथा 562 समूहों को 9 करोड़ 70 लाख रुपये व 183 समूहों को 5 करोड 54 लाख रुपये का ऋण द्वितीय एवं तृतीय किस्त के रूप में दिया गया है।
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