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गृह जिले में एचटेट देकर महिलाएं हुई खुश, बोली आधी टेंशन हो गई खत्म

जागरण संवाददाता फतेहाबाद प्रदेश सरकार ने इस बार पहले ही फैसला ले लिया था कि एचटेट

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 01:16 AM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 06:17 AM (IST)
गृह जिले में एचटेट देकर महिलाएं हुई खुश, बोली आधी टेंशन हो गई खत्म
गृह जिले में एचटेट देकर महिलाएं हुई खुश, बोली आधी टेंशन हो गई खत्म

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद:

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प्रदेश सरकार ने इस बार पहले ही फैसला ले लिया था कि एचटेट गृह जिले में ही होगा। इस फैसले का सबसे अधिक फायदा महिलाओं को हुआ है। अक्सर महिलाओं को दूर दराज स्टेशनों पर जाने में परेशानी होती थी। लेकिन इस बार एचटेट की परीक्षा के दौरान उनके चेहरों पर खुशी साफ नजर आ रही थी। पहले ये महिलाएं 200 किलोमीटर दूर तक परीक्षा देने के लिए जाती थी। लेकिन अब गृह जिले में परीक्षा केंद्र होने के कारण सेंटरों में महिलाओं की संख्या भी अधिक रही। महिलाओं ने खुद बताया कि उनका आधा समय तो सफर में कट जाता था। दूर सेंटर होने के कारण वे परीक्षा देने के लिए नहीं जाती थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है।

बिदी, मंगलसूत्र व हाथों में चूड़ा पहनने देने की छूट पर भी जताई खुशी ं परीक्षा के दौरान युवतियों को बिदी, मंगलसूत्र व हाथों में चूड़ा डालने की छूट देने पर भी महिलाएं खुश थी। मान्यता है कि शादी के एक साल तक महिला को अपने हाथों का चूड़ा नहीं उतारना चाहिए। इस बार सरकार ने भी यह छूट दे दी है। वहीं सुरक्षा कर्मियों को भी राहत मिली है। पहले अनेक नियम थे। कुछ नियमों में बदलाव होने के कारण चेकिग के दौरान समय भी बहुत कम लगा।

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वह पहले काफी समय से एचटेट देने के लिए जा रही हूं। कभी भिवानी, कभी रेवाड़ी तो कभी यमुनानगर तक सेंटर आये थे। सफर में ही समय व्यतीत होने के कारण पेपर भी अच्छे से नहीं दे पाती थी। महिला होने के कारण सफर करना भी मुश्किल था। परीक्षा से एक दिन पूर्व ही उसी शहर में जाना पड़ रहा था। इस कारण आर्थिक खर्च भी उठाना पड़ता था। इस बार गृह जिले में परीक्षा करवाकर सरकार ने अच्छा फैसला लिया है। रिजल्ट में भी बढ़ोतरी होगी। लंबा सफर होने के कारण पेपर भी सही ढंग से नहीं दे पाते थे।

ममता रानी

गांव बुवान।

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परीक्षा केंद्र नजदीक होने के कारण महिलाओं को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। दस दिन पहले प्राइवेट बसों में टिकट बुकिग करवानी पड़ती थी। रात को ही घर से निकलना पड़ता था। महिला होने के कारण परिजन भी एतराज जताते थे। लेकिन इस बार वे सुबह घर से निकले और शाम को जल्दी घर पर पहुंच जाएंगे। इसके अलावा हमारे बच्चों को भी घर छोड़ आये है। पहले साथ लेकर जाना पड़ता था। सरकार का यह फैसला शानदार है।

मनोज कुमारी, टोहाना।

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इस बार चूड़ा, मंगलसूत्र व बिदी में छूट तो जरूर दी है। लेकिन नोज पीन में भी छूट देनी चाहिए थी। महिलाओं को नोज पीन निकालने में दिक्कत हुई। शनिवार को भी एचटेट परीक्षा के दौरान कई युवतियां मेरे सामने नोजपिन निकल रही थी। कई महिलाओं को बाहर भी जाना पड़ा। हालांकि पिछले साल की अपेक्षा इस बार सुधार अच्छा हुआ है। सुबह घर से निकले थे और शाम को पहुंच भी जाएंगे। ऐसे में उन्हें किसी बात का डर भी नहीं है। पहले परीक्षा केंद्र तक पहुंचा और फिर वापस आना भी मुश्किल था।

सीखा, फतेहाबाद

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गृह जिले में परीक्षा होने की सूचना के बाद से ही उत्साहित थी। सरकार ने जो छूट दी है उसमें सबसे ज्यादा फायदा महिलाओं को हुआ है। पुरुष तो सफर कर लेते थे लेकिन महिलाओं को बाहर जाना मुश्किल था। यहीं कारण था कि आज महिलाओं की संख्या अधिक रही। तीन बजे परीक्षा थी और वह घर से 11 बजे चली थी। लेकिन पहले बाहर जाने के लिए एक दिन पहले निकलना पड़ता था। इसके अलावा बिदी लगाने, चूड़ा डालने व मंगलसूत्र डालने की छूट भी अच्छी है।

रेखा, रतिया


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