वन्य जीवों को मिला पर्यावरण का साथ, विनोद ने बढ़ाया हाथ
जागरण संवाददाता फतेहाबाद शिक्षा विभाग में सहायक खंड संसाधन संयोजक विनोद कड़वासरा पिछ
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
शिक्षा विभाग में सहायक खंड संसाधन संयोजक विनोद कड़वासरा पिछले एक दशक से पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहे हैं। इस दौरान उन्हें कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन हर बार पर्यावरण संरक्षण के लिए डटे रहे। यहां तक वन्य जीवों के लिए पर्यावरण अदालतों में केस लड़ने के दौरान 60 से अधिक अर्जित अवकाश भी ली।
इतना ही नहीं गांव धांगड़, काजल हेड़ी व ढाणी माजरा में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए दो महीने के लिए अवैतनिक अवकाश लेकर काम किया। उसकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट सरकार को भेजकर तीनों गांवों में हिरण, कछुआ व मोर के लिए संरक्षित स्थान रिजर्व करवाए।
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जीवों को बचाने के लिए लड़े कई केस :
बड़ोपल निवासी विनोद कड़वासरा ने बताया कि गांव बड़ोपल में परमाणु उर्जा संयंत्र के कर्मचारियों के लिए आवासीय कालोनी बननी प्रस्तावित हुई थी। जहां पर कालोनी बननी थी, वहां पर बड़ी संख्या में वन्य जीव विचरण करते थे। कालोनी का निर्माण होने के बाद वन्य जीव पर आवारा कुत्तों का शिकार बढ़ गया। उसके बाद संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कुरुक्षेत्र की पर्यावरण अदालत में केस दायर किया। वही वन्य जीवों को बचाने के लिए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के समक्ष अपील की गई। पर्यावरण और वन मंत्रालय की बैठक में भाग लिया लेते हुए वन्य जीवों के संरक्षण का मुद्दा उठाया। दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका भी दायर की।
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मेहनत लाई रंग, वन्य जीवों के लिए संरक्षित हुए तीन स्थान :
जिले में वन्य जीवों के लिए तीन संरक्षित क्षेत्र अधिसूचित करवाने के लिए दो महीने तक अवैतनिक अवकाश लेकर कार्य किया। राष्ट्रीय पक्षी भारतीय मोर तथा राज्य पक्षी काला तीतर के संरक्षण के लिए गांव ढाणी माजरा में गुरु जंभेश्वर समुदायिक संरक्षित करवाया। कछुओं के संरक्षण के लिए ग्राम काजलहेड़ी में गुरु गोरखनाथ समुदायिक रिजर्व व गांव धांगड़ में शहीद अमृता देवी स्मारक समुदायिक रिजर्व काला हिरण के लिए बनाया गया।
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वन्य जीवों को बचाने के लिए हटाए ब्लैड वाली तार व शिकारी रखवाले :
क्षेत्र में बड़ी संख्या में कुछ लोग वन्य जीवों से फसलों की सुरक्षा के लिए ब्लैडनुमा तार की बाड़बंदी करते थे। इससे हिरण को बहुत अधिक नुकसान होता था। लोग खतरनाक तारों से बाड़बंदी न करें, इसके लिए अभियान चलाया। वहीं खेतों में रखवाली के लिए रखे जाने वाले शिकारी रखवालों पर भी रोक लगवाई। शिकारी रखवाले टोपीदार पाउडर बंदूक से वन्य जीवों का शिकार करते थे। अब ऐसा नहीं है।
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वन्य जीवों के लिए शुरू की एंबुलेंस सेवा :
विनोद कड़वासरा ने बताया कि उनकी संस्था पिपुल फॉर एनिमल्स वन्य जीवों को बचाने के लिए अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत बड़ी संख्या में वन्य जीवों को बचाया जा चुका है। प्रदेश में पहली उनकी संस्था है जिनके पास वन्य जीवों के लिए एंबुलेंस सेवा शुरू की। उनकी संस्था की एंबुलेंस सेवा पिछले पांच सालों से सेवा दे रही है। अब सोसाइटी फॉर क्रुएलिटी ऑफ एनिमल्स फतेहाबाद की तरफ से एसपीसीए के तहत गांव बड़ोपल में 3 एकड़ में वन्यजीवों के लिए उपचार केंद्र सह शिशु की स्थापना के मामले को आगे बढ़ा रहे हैं। इसी तरह हिसार के तीन गांवों में सामुदायिक संरक्षण के लिए भी कार्य किए जा रहे है।
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पर्यावरण एवं वन्य जीव संरक्षण के लिए विनोद कड़वासरा अच्छा कार्य कर रहे है। हमेशा ही वन्य जीवों के लिए आगे रहते है। जिले में तीन वन्य जीवों के लिए संरक्षित केंद्र बनाने में उन्होंने बेहतरीन कार्य किया है।
- राजवीर सिंह, सब-इंस्पेक्टर, वन्य प्राणी विभाग।