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बदला मौसम का मिजाज, अगले तीन दिन तक बरसात की संभावना

जागरण संवाददाता फतेहाबाद सितंबर महीना खत्म होने का आया है लेकिन बरसात है कि रूकने

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 05:34 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 09:38 PM (IST)
बदला मौसम का मिजाज, अगले तीन दिन तक बरसात की संभावना
बदला मौसम का मिजाज, अगले तीन दिन तक बरसात की संभावना

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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सितंबर महीना खत्म होने का आया है, लेकिन बरसात है कि रूकने का नाम नहीं ले रही है। सितंबर महीने में नरमा की चुगाई व धान की कटाई का कार्य तेज गति से हो जाता है। लेकिन पिछले दिनों हुई बरसात के कारण अब किसान खेतों में नहीं जा पा रहे है, हर खेत में पानी भरा हुआ है, लेकिन अब मौसम विभाग ने फिर अलर्ट जारी कर दिया है। सोमवार शाम को मौसम एकाएक मौसम बदलेगा। वहीं रविवार सुबह बादल भी छाए रहे। लेकिन दोपहर बाद मौसम साफ हो गया। जिससे तापमान में कुछ बढ़ोतरी हुई। रविवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री व न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शनिवार की अपेक्षा अधिकतम तापमान में 2 डिग्री व न्यूनतम तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन सोमवार शाम से तापमान में फिर गिरावट आएगी। अगर आने वाले दिनों में बरसात होगी तो फसलें पूरी तरह खराब हो जाएगा। ये रहेगा आगामी मौसम

मानसून की टर्फ रेखा अब जैसलमेर, अजमेर, डालटागंज, जमशेदपुर, डीघा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। अब जो नीचे की तरफ दक्षिण की और जाने की संभावना से 27 सितंबर रात्रि से 30 सितंबर के दौरान बीच -बीच में हवायों व गरज चमक के साथ कहीं -कहीं हल्की से मध्यम बारिश की भी संभावना है। ऐसे में अनुमान है कि इन तीन दिनों में बरसात हो सकती है। अब जाने पिछले कुछ दिनों का तापमान

तिथि अधिकतम न्यूनतम

20 35 24

21 32 22

22 31 21

23 29 20

24 27 19

25 30 21

27 32 22

नोट: यह तापमान डिग्री सेल्सियस में है। आंकड़ों में जाने कितनी हेक्टेयर में फसलें

नरमे की फसल : 69 हजार हेक्टेयर

धान : 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर

ग्वार : 4 हजार हेक्टेयर

बाजरा : 3 हजार हेक्टेयर

मूंगफली : 10 हजार हेक्टेयर

मूंग : 2 हजार हेक्टेयर कल रात से मौसम बदलने की संभावना है। ऐसे में 30 सितंबर तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। इस दौरान हल्की से मध्यम बरसात हो सकती है। ऐसे में किसान पानी निकासी का प्रबंध करे ताकि बरसात होती है तो पानी निकाला जा सके।

डा. मदन खिचड़, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक फतेहाबाद।


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