एनजीटी के आदेश के बाद शहरों में हुआ पानी का छिड़काव, प्रदूषण से मिली राहत
मंगलवार सुबह धुएं व धुंध का मिश्रण ऐसा बना कि प्रदूषण एकाएक बढ़ गया है। चारों तरफ धुआं ही धुआं नजर आ रहा था। जिस पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिला प्रशासन को आदेश दिए कि शहरों के अंदर पानी का छिड़काव करवाया जाए। जिसके बाद नगरपरिषद के अधिकारियों ने पानी के पांच टैंकर मंगवा लिए हैं। शहर में सुबह-और शाम पानी का छिड़काव किया जाएगा। रतिया व टोहाना नगरपरिषद व नगरपालिका को पानी के छिड़काव के आदेश दिए।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
किसानों ने पराली में आग लगाकर जिले की आबोहवा खराब कर दी है। सोमवार रात को इतना अधिक धुआं था कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था। यह क्रम मंगलवार सुबह भी रहा। लेकिन जैसे ही सूरज निकला तो धुआं भी छंट गया। जिसपर जिलावासियों को राहत की सांस ली।
मंगलवार सुबह धुएं व धुंध का मिश्रण ऐसा बना कि प्रदूषण एकाएक बढ़ गया है। चारों तरफ धुआं ही धुआं नजर आ रहा था। जिस पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिला प्रशासन को आदेश दिए कि शहरों के अंदर पानी का छिड़काव करवाया जाए। जिसके बाद नगरपरिषद के अधिकारियों ने पानी के पांच टैंकर मंगवा लिए हैं। शहर में सुबह-और शाम पानी का छिड़काव किया जाएगा। रतिया व टोहाना नगरपरिषद व नगरपालिका को पानी के छिड़काव के आदेश दिए।
सोमवार को अधिकतम एयर क्वालिटी इंडक्स (एक्यूआइ) 738 तक पहुंचा था तो वहीं मंगलवार सुबह साढ़े 11 बजे तक एक्यूआइ 527 तक पहुंचा गया। जिले में प्रदूषण का स्तर मापने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से लघु सचिवालय की छत पर एक यंत्र लगाया गया है। जिले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कार्यालय न होने के कारण अधिकारियों को भी परेशानी हो रही है। दोपहर बाद धूप व तेज हवा चलने के कारण एक्यूआइ भी नीचे आ गया। दोपहर बाद साढ़े 3 बजे एक्यूआइ 186 दर्ज किया गया।
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दमा रोगियों व आंखों के मरीजों की संख्या बढ़ी
नागरिक अस्पताल की ओपीडी का जिक्र करे तो दमा रोगियों व आंखों में जलन होने की शिकायत को लेकर मरीज पहुंच रहे हैं। पहले दमा रोगी का इलाज करने वाले डाक्टर की ओपीडी 70 होती थी। लेकिन अब यह ओपीडी 130 तक पहुंच गई है। वहीं आंखों की जांच करने वाले डाक्टर की ओपीडी 110 होती थी जो अब बढ़कर 180 तक पहुंच गई है। डाक्टर खुद मान रहे है कि धुएं के कारण मरीज परेशान हो रहे है। वहीं प्राइवेट अस्पताल में तो ओपीडी के लिए मरीजों को दो से तीन घंटे तक लाइनों में लगना पड़ रहा है।
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सुबह व शाम को पार्को में कम हुई भीड़
पिछले पांच दिन पहले का जिक्र करे तो सुबह व शाम को पार्कों में भीड़ नजर आती थी। वहीं शाम को लोग सड़कों पर साइकिल चला रहे थे। लेकिन सोमवार शाम व मंगलवार सुबह सड़के सुनसान रही। जिले में सुबह व शाम की हवा सबसे अधिक खतरनाक है। दिन के समय में धूप निकलने से कुछ राहत मिल रही है। अगर आने वाले समय में धुआं ऐसा ही रहा तो दमा रोगी व नेत्र रोग के मरीजों की संख्या बढ़ जाएगी।
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सात दिनों से एक भी किसान पर मामला दर्ज नहीं
हरसेक ने कृषि अधिकारियों को 1100 जगह आग लगने की लोकेशन भेज दी है। लेकिन कृषि अधिकारी दावा कर रहे है कि इन लोकेशन में 40 फीसद फेक है। वही पिछले सात दिनों से एक भी किसान पर मामला दर्ज न होना कृषि अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर संदेह प्रकट कर रहा है। जिले की आबोहवा केवल पराली से निकलने वाले धुएं से बिगड़ी है। लेकिन सात दिनों में एक भी किसान पर मामला दर्ज न होना भी सवाल खड़ा कर रहा है। रतिया के बबनपुर में कृषि अधिकारियों को बंधक बनाने के बाद कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ है।
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अब जरा आंकड़ों पर डालें नजर
नागरिक अस्पताल में दमा रोगियों की बढ़ी ओपीडी : 60
नागरिक अस्पताल में आंखों की जांच करवाने वालों की बढ़ी ओपीडी : 70
निजी अस्पतालों में ओपीडी के लिए करना पड़ रहा इंतजार : तीन घंटे तक
जिले में मंगलवार सुबह साढ़े 11 बजे का एक्यूआइ : 526
जिले में मंगलवार सुबह का तापमान : 28 डिग्री सेल्सियस
जिले में मंगलवार को न्यूनतम तापमान : 13 डिग्री सेल्सियस
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एनजीटी के आदेश है कि शहर में पानी का छिड़काव किया जाए। फतेहाबाद शहर में छिड़काव के लिए पांच टैंकर मंगवा लिए हैं। अब पानी का छिड़काव दो समय पर किया जाएगा। एक तो सुबह और दूसरा शाम को। अगर पानी का छिड़काव होगा तो प्रदूषण से कुछ राहत मिलेगी।
समवर्तक सिंह
जिला नगर आयुक्त फतेहाबाद।