ग्रामीणों को बताए जाएंगे पराली जलाने के दुष्प्रभाव
फसल अवशेष प्रबंधन के तहत एसडीएम कुलभूषण बंसल ने लघु सचिवालय के प्रागंण से कृषि विभाग के मोबाइल जागरूकता वाहन को झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने बताया कि जिला फतेहाबाद के सभी संवेदनशील गांव में किसानों को धान की पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों व पराली प्रबंधन से होने वाले फायदों से किसानों को अवगत कराने के लिए सभी गांव में मोबाइल जागरूकता वाहन पहुंचेगा।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
फसल अवशेष प्रबंधन के तहत एसडीएम कुलभूषण बंसल ने लघु सचिवालय के प्रागंण से कृषि विभाग के मोबाइल जागरूकता वाहन को झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने बताया कि जिला फतेहाबाद के सभी संवेदनशील गांव में किसानों को धान की पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों व पराली प्रबंधन से होने वाले फायदों से किसानों को अवगत कराने के लिए सभी गांव में मोबाइल जागरूकता वाहन पहुंचेगा।
उन्होंने नागरिकों को जागरूक करते हुए कहा कि किसान फसल के अवशेषों को खेत में जोतकर भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ा सकते हैं। धान की पराली को पशु चारा के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। किसानों को प्रति वर्ष फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत व्यक्तिगत कृषि यंत्र पर 50 फीसद व किसान समूह को 80 फीसद तक अनुदान सरकार द्वारा मुहैया करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रावधान किया गया है। एसडीएम ने कहा कि फसल अवशेष जलाने पर सरकार की हिदायतों के अनुसार किसान का चालान व एफआईआर भी का जी सकती है। एसडीएम ने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति फसली अवशेषों को जलाता हुआ पाया जाता है तो वह पर्यावरण के नुकसान की भरपाई देने के लिए उत्तरदायी होगा। दो एकड़ भूमि तक हुए पर्यावरण नुकसान के लिए प्रति घटना अनुसार संबंधित से 2500 रुपये का जुर्माना वसूल किया जाएगा।
इसी प्रकार दो से पांच एकड़ भूमि तक 5000 रुपये प्रति घटना तथा पांच एकड़ से ज्यादा भूमि पर 15000 रुपये प्रति घटना से जुर्माना किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी आदेशों तक जिला में फसल के अवशेष एवं फाने जलाने पर धारा 144 लागू रहेगी।