यूपीएससी पास युवक पहुंचा अपनी बहन के घर, ग्रामीणों ने किया स्वागत
संवाद सूत्र भिरडाना शुरुआती शिक्षा प्राप्त करने के बाद आजकल का विद्यार्थी वर्ग कैरियर की
संवाद सूत्र, भिरडाना :
शुरुआती शिक्षा प्राप्त करने के बाद आजकल का विद्यार्थी वर्ग कैरियर की तलाश मे कोचिग संस्थानों की रूख करता है। अगर मन मे जूनून हो तो हमें कहीं कोचिग लेने की जरूरत नहीं है। यह बात अभी हाल ही मे यूपीएससी की परीक्षा मे 625वीं रैकिग मे रहे 25 वर्षीय राहुल मीणा ने भिरडाना मे एक कार्यक्रम के दौरान कही। मूलत: राजस्थान के उदयपुर से रहने वाले राहुल मीणा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा की उन्होंने शुरुआती शिक्षा मेरठ से प्राप्त की जिसके बाद उन्होंने सीकर के एक कालेज से बीटेक की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली से यूपीएससी की तैयारी की जिसमे वह अब पास हुए है। उन्होंने कहा की उन्होंने दिनचर्या बनाकर दिन मे सात से आठ घंटे तक पढा़ई की है। किसी भी व्यक्ति को जीवन मे कामयाब होने के लिए खुद पर विश्वास होना सबसे जरूरी है। अगर आपके भीतर विश्वास है तो निश्चित तौर पर आप हर मुकाम हासिल कर सकते है। राहुल के परीक्षा पास करने के बाद उनकी बड़ी बहन खुशबू मीणा ने अपनी ससुराल भिरडाना मे कार्यक्रम आयोजित करवाया था। जिसमे गांव के गणमान्य लोगों ने भाग लिया और राहुल का स्वागत भी किया गया।
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ऐसे आया उच्चाधिकारी बनने का ख्याल
राहुल मीणा ने बताया की वह किसी काम को लेकर वर्ष 2013 मे सीकर के कलेक्टर कार्यालय गए। वहां पर एसडीएम के कार्यशैली से प्रभावित होते हुए उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास करके उच्चाधिकारी बनने का ख्याल दिमाग मे आया और वह इस परीक्षा मे पास हुए।
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दूसरी बार में मिली सफलता
राहुल मीणा ने बताया की उन्होंने इससे पहले भी यूपीएससी की परीक्षा एक बार दी है।पहली बार वह सफल नहीं हो सके लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और माता पिता के सहयोग से ही वह दूसरी बार परीक्षा मे सफल हुए है।
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मोबाइल पढाई सबसे बड़ी बाधा
राहुल ने कहा की उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान मोबाइल से दूरी ही बनाए रखी। आज के युवा अपना अधिकतर समय मे मोबाइल पर सोशल मीडिया एप और गेम्स एप मे ही गुजार देते हैं। जिसकी वजह से उनका पढ़ाई करने का समय तो खराब होता ही है और ध्यान भी भंग हो जाता है जिसकी वजह से दिमाग पढाई पर केन्द्रित नहीं रहता इसलिए जितना हो सके इससे दूरी ही बनाए रखे।
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ये रहे मौजूद
इस अवसर पर सुभाष मीणा, दीपक भिरडाना, बीरबल मीणा, इन्द्राज दास, दलीप सहारण, रामनिवास फौजी, रामेश्वर थापन आदि मौजूद रहे।