कुलां-जाखल सड़क निर्माण के लिए उखाड़ी सड़क, अब बजरी न मिलने से अटका काम
संवाद सूत्र कुलां सरकार की ओर से वायुमंडल में प्रदूषण बढ़ने से प्रदेशभर में बजरी क्रेश्
संवाद सूत्र, कुलां :
सरकार की ओर से वायुमंडल में प्रदूषण बढ़ने से प्रदेशभर में बजरी क्रेशर उद्योगों पर लगाई गई रोक का प्रभाव क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यो पर पड़ने लगा है। बजरी न मिलने के कारणवश सरकारी और निजी निर्माण कार्य अटकने लगे हैं।
कुलां -जाखल सड़क का कुलां से म्योंद भाखड़ा पुल तक पुननिर्माण करने को लोक निर्माण विभाग द्वारा करीब दो सप्ताह पूर्व ही लगभग सवा दो करोड़ रुपये टेंडर जारी कर वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया था। वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद ठेकेदार ने 10 दिन पूर्व मशीन से सड़क की ऊपरी सतह उखाड़ दिया था। लेकिन अब बजरी के अभाव में अब ठेकेदार निर्माण कार्य आरंभ नहीं कर पा रहा है। ऐसे में टूटी सड़क से उठती धूल ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। टूटी सड़क हादसों को न्यौता दे रही है। सड़क को खोदकर छोड़ने से वाहनों का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे लोगों को दुर्घटनाओं का भय बना रहता है। विदित हो कि वायुमंडल में प्रदूषण बढ़ने के कारण बजरी क्रेशर उद्योगों को बंद किया हुआ है। इसे लेकर 3 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई होगी और उसके निर्देश पर ही ये तय करेगा कि इस सड़क का पुनर्निर्माण कब शुरू हो पाता है।
दुकानदारों में भी निराशा है। उनका कहना है कि सड़क निर्माण को लेकर ठेकेदार द्वारा 10 दिन पहले ही सड़क को उखाड़ दिया था। परंतु अब निर्माण में देरी की वजह से ग्राहकों तथा उन्हें परेशानी हो रही है। उनका कहना है कि बजरी उद्योग बंद होने के बारे में अवगत होने के बाद भी ठेकेदार द्वारा अपनी मनमानी से कार्य शुरू किया गया है।
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सरकार द्वारा बजरी उद्योगों को फिलहाल बंद किया हुआ है। इसके कारण बजरी न मिलने से कार्य अधर में है। वर्क ऑर्डर जारी होने के तत्काल बाद ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, अब बजरी न मिलना इसमें बाधा बना है। आगामी तीन दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई होगी, उसके निर्देशों पर उद्योग चालू होने के बाद ही कार्य शुरू हो सकेगा।
रामफल सिंह
एसडीओ पीडब्ल्यूडी विभाग टोहाना।