छात्र-शिक्षक अनुपात बढ़ाने का संघ ने किया विरोध, सड़कों पर उतरने की दी चेतावनी
जागरण संवाददाता फतेहाबाद प्राथमिक शिक्षकों का वैज्ञानिकीकरण करते हुए छात्र अध्यापक
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
प्राथमिक शिक्षकों का वैज्ञानिकीकरण करते हुए छात्र अध्यापक अनुपात 1:25 से बढ़ाकर 1:30 करने और 1983 पीटीआइ को बर्खास्त करने के विरोध में राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने रोष जताया है। संघ का प्रतिनिधिमंडल जिला प्रधान विकास टुटेजा के नेतृत्व में शिक्षा अधिकारी से मिला और उन्हें मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में टूटेजा के साथ राज्य मुख्य सलाहकार देवेंद्र सिंह दहिया, राज्य कानूनी सलाहाकार दलीप बिश्नोई, जिला सलाहाकार प्रीतम फुटेला, अविनाश झंडई, विनोद सिहाग उपस्थिति थे। टुटेजा ने कहा कि वर्ष 2017 में नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों को जब हरियाणा शिक्षा विभाग में कार्यभार ग्रहण करवाया तो शिक्षक छात्र अनुपात 1:25 रखा गया था। वर्ष 2018 में भी 1:25 के अनुपात को प्राथमिक स्कूलों में लागू किया गया था। परंतु अब 30 सितंबर 2019 की छात्र संख्या को आधार मानकर हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक शिक्षकों का वैज्ञानिकिकरण किया जा रहा है। जिसमें 1:30 के अनुपात को लागू करने को कहा गया है। यह अनुचित और गलत है क्योंकि नई शिक्षा नीति 2019 के ड्राफ्ट में भी 25 छात्रों पर एक शिक्षक की व्यवस्था की गई है। शिक्षा विभाग के इस बदलाव के कारण हरियाणा प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के लगभग 4200 पद सरप्लस हो जाएंगे और अनेक बेरोजगार युवकों का भविष्य अंधकार में होगा। संघ ने मांग की है कि छात्र शिक्षक का अनुपात पूर्व वर्षो की भांति 1:25 ही रखा जाए।
राज्य मुख्य सलाहाकार देवेन्द्र दहिया ने कहा कि वर्ष 2010 से नियमित तौर पर कार्यरत 1983 शारीरिक शिक्षकों को मौलिक शिक्षा विभाग, पंचकूला द्वारा 3 दिन के भीतर हटाने के आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों की सेवाएं उनके परिवार की परिस्थितियां और 10 वर्षों के कार्यकाल को देखते हुए विभाग व सरकार सर्वोच्च न्यायालय में इनके पक्ष में सकारात्मक कदम उठाते हुए जोरदार पैरवी करे तथा इनकी सेवा सुरक्षा के लिए कोई पॉलिसी लेकर आए, जिससे इनका भविष्य अंधकार में ना जाकर हरियाणा प्रदेश के लिए उजियारा साबित हो सके। प्राथमिक शिक्षक से मुख्य शिक्षक के पद पर पदोन्नतियां भी अनेक जिलों में नहीं की गई हैं। ये सभी पदोन्नतियां भी 126 छात्रों पर एक मुख्य शिक्षक तथा पांच प्राथमिक शिक्षक के आधार पर की जाएं। संघ ने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया तो उन्हें सड़कों पर उतरकर आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा।