12 साल बाद तन को वर्दी, आठ वर्ष में खरीदे संसाधन
विनोद कुमार फतेहाबाद नगरपरिषद के अधिकारी अपने काम के प्रति कितने सचेत हैं इसका अंदाजा
विनोद कुमार, फतेहाबाद : नगरपरिषद के अधिकारी अपने काम के प्रति कितने सचेत हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपने कार्यालय में सफाई से संबंधित संसाधन खरीदने के लिए 8 साल लग गए। वहीं कच्चे कर्मचारियों के तन पर वर्दी दिलाने के लिए 12 साल गंवा दिये। ऐसे में कैसे हमारा शहर प्रगति की तरफ अग्रसर होगा। इतने वर्ष गुजरने के बाद जिन संसाधनों का टेंडर हुआ है उससे उम्मीद जगी है कि शहर चकाचक हो जाएगा। लेकिन यह अधिकारियों पर निर्भर करता है कि जो संसाधन मिलेंगे इसके उपयोग वो किस तरह करेंगे। अगर मॉनीटरिग नहीं होगी तो इसका कोई फायदा नहीं होने वाला है। 12 साल पहले कच्चे कर्मचारियों को नगरपरिषद की तरफ से वर्दी मिली थी। इसके बाद एक बार भी वर्दी दिलाने का प्रयास नप अधिकारियों ने नहीं किया। वर्दी प्राप्त करने के लिए इस दौरान नगरपरिषद कर्मचारियों ने 120 बार हड़ताल की। जिसके बाद अब कर्मचारियों के तन को वर्दी मिली है। नप अधिकारियों को नियम में बदलाव नहीं करना था बल्कि यहां से डिमांड भेजनी थी। रतिया व टोहाना में कच्चे कर्मचारियों को हल साल वर्दी मिल रही है। लेकिन फतेहाबाद के नप अधिकारियों की कार्यप्रणाली इन कर्मचारियों के आड़े आ रही थी।
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8 साल बाद संसाधन खरीदने का हुआ टेंडर
नगरपरिषद में पिछले 8 सालों से सफाई करने से संबंधित संसाधन नहीं थे। कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किए लेकिन अधिकारियों की आंखें नहीं खुली। पिछले साल दिसंबर में कर्मचारियों ने अल्टीमेटम दिया था कि फरवरी तक अगर संसाधन नहीं मिले तो अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देंगे। इसका असर अब देखने को मिला और कच्चे कर्मचारियों को तन को ढकने के लिए वर्दी मिल गई। कर्मचारी भी खुश हैं कि उनका संघर्ष रंग लाया। लेकिन मायूस भी हैं कि अधिकारियों ने इतने साल कैसे लगा दिए।
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आंकड़ों पर नजर
शहर में वार्ड : 25
जनसंख्या : 1 लाख 20 हजार
दुकान व मकान : 25 हजार
टाटा एस : 13
रिक्शा : 40
हाथ रेहड़ी : 30
कुल कर्मचारी : 169
कच्चे : 125
पक्के कर्मचारी : 44
पोस्ट खाली : 30
ट्रैक्टर ट्राली : 03
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अब यह सामान खरीदा जाएगा
कुल संसाधन : 150
रिक्शा : 70
हाथ रेहड़ी : 80
खर्च होंगे : 13 लाख रुपये
एक रिक्शा पर खर्च : 13 हजार
एक रेहड़ी पर खर्च : 3500
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समय पर होता काम तो स्वच्छ सर्वेक्षण में मिलता लाभ
नगरपरिषद में संसाधन व सफाई कर्मचारियों का टोटा है। यही कारण है कि शहर में अच्छे तरीके से सफाई नहीं होती। 8 साल बाद नगरपरिषद ने सफाई को दुरुस्त करने के लिए रेहड़ी व रिक्शा खरीदने का फैसला लिया है। अगर यह फैसला पिछले साल ले लिया होता तो स्वच्छ सर्वेक्षण में इसका फायदा मिलता। लेकिन अब तो सर्वे हो चुका है। इसका लाभ भी नहीं मिलने वाला। चाहे जो भी है नप के अधिकारियों को अपने कार्य पर पुन: विचार करना होगा।
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स्वच्छ सर्वेक्षण में ये मिली थी रैंकिग
साल : फतेहाबाद
2018 : 191
2019 : 177
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वर्जन::::::::::
नप में संसाधन खरीदने के लिए टेंडर खोल दिया गया है। फतेहाबाद की एक कंपनी को यह टेंडर दे दिया गया है। एक महीने के अंदर सभी संसाधन आ जाएंगे। वहीं कच्चे कर्मचारियों को वर्दी भी दे दी गई है। मैंने ज्वाइन करने के बाद ही इस मामले को गति दी है। मेरे के आने से पहले ही यह सबकुछ रूका हुआ था। अब कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।
जितेंद्र कुमार, ईओ नगरपरिषद फतेहाबाद।