केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि बिल किसान हितैषी : दुग्गल
जागरण संवाददाता फतेहाबाद सिरसा लोकसभा क्षेत्र की सांसद सुनीता दुग्गल ने केंद्र सरकार द्वार
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
सिरसा लोकसभा क्षेत्र की सांसद सुनीता दुग्गल ने केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में लाए गए तीनों कानूनों को किसानों के हक में बताते हुए कहा है कि इन कृषि कानूनों से किसानों की आय दोगुनी ही नहीं चारगुनी होगी होगी। इन कानूनों से किसान बंधनों से मुक्त होकर आर्थिक रूप से मजबूत होगा। सांसद शनिवार को भूना रोड स्थित भाजपा जिला कार्यालय में विधायक दुड़ाराम और जिलाध्यक्ष बलदेव ग्रोहा के साथ पत्रकारों से बातचीत कर रही थी।
सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि ये कृषि कानून किसान और खेती के लिए हितकर है। उन्होंने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि 70 साल तक किसानों के हक में कोई काम न करने वाला दल अब किसानों के हित में लाए गए बिलों को पचा पा नहीं रहा है, उसकी छटपटाहट उनमें देखी जा सकती है। सांसद ने कहा कि कहीं भी किसान इसका विरोध नहीं कर रहे हैं, विपक्षी दल के कार्यकर्ता ही अपनी राजनीतिक मजबूरियों के चलते विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के बारे भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी जाकर किसानों को जागरूक करेगा तथा उनके भ्रांतियों को भी दूर करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच हमेशा किसानों की भलाई के लिए रही है। इसी सोच के चलते प्रधानमंत्री ने 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। ये जो तीन कृषि कानून बनाए गए हैं, ये कानून इस किसानों की आय को दोगुना और तीगुना करने की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि ये तीनों कृषि कानून किसान के जीवन में आर्थिक रूप से बड़ा बदलाव लाएंगे और किसान की आय में बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने कहा कि कहा कि इन कानूनों से कृषि उपज का बाधा मुक्त अंतर-राज्य व्यापार संभव हो सकेगा। किसानों को अपना उत्पाद मंडी तक ले जाने की बाध्यता नहीं होगी। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1956 में संशोधन कर अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने का फैसला किया गया है। इस फैसले से उत्पादन, भंडारण, ढुलाई और वितरण करने की आजादी से व्यापक स्तर पर उत्पादन करना संभव होगा। इसी प्रकार से केन्द्र सरकार ने मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा से किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर सामानों की खरीद बिक्री की आजादी देगा। कृषि उत्पादों के लिए एक देश एक बाजार की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। कृषि ऊपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) कानून किसानों को उनकी ऊपज देश में किसी भी व्यक्ति या संस्था को बेचने की अनुमति देता है। अब यह सचमुच वन नेशन वन मार्केट होगा।