सोच-समझ के पावांगे वोटां
फतेहाबाद का बस स्टैंड। दोपहर 12 बजकर 20 मिनट। रतिया जाने वाली प्राइवेट बस जैसे ही बूथ पर
फतेहाबाद का बस स्टैंड। दोपहर 12 बजकर 20 मिनट। रतिया जाने वाली प्राइवेट बस जैसे ही बूथ पर लगती है तो तो 10 मिनट में सवारियों से भर जाती है। हम भी इस बस में सवार होते हैं। ड्राइवर बस स्टार्ट करता है तो और धीरे-धीरे चलाता हुआ बस स्टैंड परिसर से बाहर लेकर पहुंचता है, यहां से चार-पांच सवारियां और रतिया के लिए सवार होती हैं। यहां भी पांच मिनट रूकने के बाद बस रतिया के लिए चल पड़ती है। कंडक्टर टिकट बनाना शुरू करता है और इसी दौरान दो व्यक्ति चुनाव को लेकर चर्चा शुरू हुए एक-दूसरे से पंजाबी में बात करते हुए पूछते हैं कि तेरे पिड विच चुनाव दा की हाल है? पहला व्यक्ति ने बोलते हुए कहा कि साढे पिड भरपूर विच तां हले रल्ला-मिल्ला ही माहौल हेगा तो दूसरा व्यक्ति भी बीच में बोलते हुए कहता है कि हल्ले तां साढे पिड बरोटा विच सारे वोट मंगन आ रहे हण ते सारे ही अपनी भीड़ दिखाई जांदे हण। लेकिन हुण पिडा आले भी सयाणे हो गए हैं। असी ता सोच समझ के वोटां पावांगे। चर्चाओं के बीच बस गंाव अयाल्की पहुंचती है तो यहां से 60 साल का बुजुर्ग और दो महिलाएं भी सवार हो जाती हैं।
सरकार से कोई खुश तो कोई नाखुश दिखा
बस रतिया के लिए स्पीड पकड़ लेती है। चुनावी चर्चा कर रहे दोनों व्यक्तियों के पास बैठा रोहतक निवासी रमन भी चर्चा में शामिल होते हुए कहता है सरकार तो पहले वाली माड़ी कोनी थी, मैं ग्रुप डी की भर्ती में बिना पिसां और सिफारिश के लाग्यां हूं और इब क्लर्क का भी पेपर दिया सा। बीच में बात काटते हुए रतिया निवासी राजेश कहता है कि ये बात तो ठीक है कि नौकरी बिना पिसां के मिलन लग गई। लेकिन रतिया विकास में पिछड़ गया। पहले सरकार का विधायक न होने के कारण रतिया का विकास नहीं हो सका।
इसी दौरान गांव बलियाला की 60 वर्षीय राजोबाई बोलती है कि ऐ गल तां सही है रतिया विच विकास नहीं होया, नशा ते घग्गर ने रतिया नूं बर्बाद कर दिता। जेहड़ा इन्ना नू खत्म करन दा वादा करूगा, ओनू ही वोटां पानी चाही दियां। बस अहरवां पहुंचती है तो यहां से चार-पांच सवारियां उतरती हैं तो 7-8 सवारियां और चढ़ जाती हैं।
रतिया नूं कोई पूछन आला नहीं होणा
चर्चा में शामिल होते हुए गांव ब्राह्माणवाला का सरदार नछतर सिंह भी बोलता हुए कहता है कि पहले मुद्दे होर सी हुण होर हेगे, मोदी सरकार ने वदिया कम किते हेगे, मनोहर सरकार भी वदिया कम कर रही है, लेकिन रतिया नू कोई प्राथमिकता नहीं देनदा। साढे पिड पंजाब तू नशा आ रहेया हेगा, पर कोई समाधान नहीं हो रहेया। 40 साल की राजोबाई, परमेश्वरी बोलती है कि हुण जिताण दा तां ओनू ही फायदा हेगा, जेंदी उत्ते सरकार आनी है, नहीं तां फिर रतिया नूं कोई पूछन आला नहीं होणा।
नेता विकास करण् आला होणा चाहिदा
रतिया शहर में बस प्रवेश करती है तो राजु कमार चर्चा के बीच में बोलता है नेता ओही चुनो जेहड़ा ओखे वेले कम्म आवे। विकास करण आला होना चाहिदा। अपनी सोच नाल वोटां पाओ ते आपस विच भाइचारा खराब ना करो। बस संजय गांधी चौक पर पहुंचती है तो चुनावी चर्चा भी ढीली पड़ जाती है और बस धीरे-धीरे बस स्टैंड की ओर बढ़ती है तो बलियाला की राजोबाई चुनावी चर्चा पर विराम लगाती हुए बोलती है कि नेता वो ही ठीक हेगा, जेहड़ा अपने कम आऊ ते रतिया दा कम कराऊगा।
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