कचरा फैलाने वालों का लाइसेंस होगा रद, चालान भी भरना पड़ेगा
जागरण संवाददाता फतेहाबाद शहर को सुंदर बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कदम उठाना शुरू
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद:
शहर को सुंदर बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कदम उठाना शुरू कर दिया है। प्रशासन को सर्वे रिपोर्ट के अनुसार मिला कि निजी संस्थानों के सदस्य ही सबसे ज्यादा कचरा सड़कों पर इधर उधर डालते है। अब प्रशासन ने इस पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। सभी को चेतावनी स्वरूप नोटिस भी जारी कर दिया है कि अगर कचरे को सही जगह पर नहीं डाला तो उनका लाइसेंस रद करने के साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा। जिसके बाद निजी संस्थान संचालकों में हड़कंप मच गया है। वहीं पटरी पर रेहड़ी लगाने वालों के लिए भी अलग से डेस्टिबन रखने के आदेश नगरपरिषद के अधिकारियों को दिए गए है।
मेडिकल संस्थानों, बैंक्वेट हॉल, शिक्षण संस्थानों, अस्पताल संचालकों को आदेश दिए है कि अगर कचरा प्रबंधन के नियमों को अनदेखा किया तो उनका लाइसेंस रद किया जा सकता है। नप अधिकारियों की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार इन संस्थान में काम करने वाले लोग बिना किसी डंपिग प्वाइंट के ही कचरा डाल देते है। जिससे शहर की सुंदरता खराब होने के साथ ही आवारा पशुओं की संख्या भी बढ़ जाती है। जिससे हादसा होने का डर भी रहता है।
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चेतावनी का नहीं हो रहा असर
नगरपरिषद के कर्मचारियों ने सर्वे किया था कि सबसे ज्यादा कचरा अस्पताल संचालक, शिक्षण संस्थान के अलावा मेडिकल रेहड़ी संचालक ज्यादा कचरा डाल रहे है। यही कारण था कि नगरपरिषद के अधिकारियों ने पांच अस्पताल संचालकों का चालान भी किया था। चालान में पहली बार चेतावनी दी गई थी। लेकिन अब भी वे कचरा डाल रहे है। अब जिला प्रशासन सख्त हो गया है। अधिकारियों को आदेश दे दिए है कि अगर ऐसा करता है तो उसका चालान बड़े स्तर पर हो। अगर फिर भी वह नहीं मानता है तो उसका लाइसेंस रद किया जा सकता है।
--------------------------नप अधिकारियों को दिए आदेश
नगर परिषद व पालिकाओं के अधिकारियों के आदेश दिए है कि शहर में कूड़ा इकट्ठा न हो इसके लिए प्रबंधन करे। सूखे व गीले कचरे का संग्रहण अलग-अलग प्रकार से करे। रेहड़ी, पटरी वालों को भी डस्टबिन रखने के निर्देश दे। अगर प्रशासन द्वारा तय की गई जगह के अलावा किसी अन्य जगह पर कचरा डालता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं मार्केट कमेटी के अधिकारियों को भी आदेश दिए है कि सब्जी मंडियों में दुकानदारों से ऐसे डिब्बे रखने को कहे, जिनमें वे खाद्य सामग्री डाल सके। इस प्रकार से इकट्ठी हुई खाद्य सामग्री को गोशालाओं में पहुंचाया जाएगा। यूं हो सकता है समस्या का समाधान
शहर में कूड़ा प्वाइंट न होने के कारण कचरा प्रबंधन की समस्या आ रही है। नेशनल हाईवे पर पहले पुराने बस स्टैंड के पास कूड़ा प्वाइंट बनाया गया था। लेकिन अब वो भी बंद कर दिया गया। यहां पर अनेक अस्पताल है। यहीं कारण है कि अब ये अस्पताल संचालक अस्पताल के सामने डाल रहे है। नगरपरिषद के अधिकारियों को कूड़ा प्वाइंट न बनाने की सूरत में डेस्टबिन रखवाने होंगे। तभी यह समस्या दूर हो सकती है। वहीं दुकानदारों को भी आदेश है कि वे अपनी दुकान के आगे डेस्टबिन रखने के आदेश है। अब उपायुक्त ने आदेश तो जारी कर दिए है अब देखना होगा कि नगरपरिषद के अधिकारी कितना अमल करते है।
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शहर को साफ सुथरा रखना सभी का दायित्व है। जब तक कचरा प्लांट नहीं बन जाता है तब तक हमें प्रयास करना होगा। अगर कोई मेडिकल संचालक, अस्पताल संचालक व शिक्षण संस्थान के संचालक नप द्वारा सुझाई गई तय जगह के अलावा कचरा डालते है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पहली बार चालान किया जाएगा और उसके बाद भी नहीं मानते है तो लाइसेंस तक रद कर दिया जाएगा। जिले के सभी नप व नपा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है। धीरेंद्र खड़गटा,उपायुक्त, फतेहाबाद।