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वैट घोटाला करने वालों से जुड़े हो सकते है बोगस बिल काटने वालों के तार

जिले में करोड़ों रुपये के बोगस बिल काटने वाले फर्म संचालका

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 10:45 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 10:45 PM (IST)
वैट घोटाला करने वालों से जुड़े हो सकते है बोगस बिल काटने वालों के तार
वैट घोटाला करने वालों से जुड़े हो सकते है बोगस बिल काटने वालों के तार

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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जिले में करोड़ों रुपये के बोगस बिल काटने वाले फर्म संचालकों के तार वैट घोटाला करने वालों से जुड़े हो सकते है। कराधान विभाग के अधिकारियों भी मान रहे हैं कि जीएसटी से पहले सिरसा के कुछ फर्म संचालक वैट के दौरान बोगस बिल काटकर करोड़ों रुपये का रिफंड सरकार से ले चुके हैं। जिसकी जांच दो वर्ष से सीबीआइ कर रही है, लेकिन अभी उन पर कार्रवाई नहीं हुई। जिसके चलते वे बेखौफ होकर नित नई फर्म बनाते हुए बोगस बिल काटते है। ये बात अलग ही की अब जीएसटी आने के बाद गड़बड़ी उनकी आसानी से पकड़ी जा रही है। फिर से वे बोगस बिल काटने से बाज नहीं आ रहे।

फतेहाबाद में जो फर्म गत दिनों पकड़ी गई है उनके भी तार सिरसा से जुड़े हुए है। कराधान विभाग के उपायुक्त डा. वीके शास्त्री ने बताया कि सिरसा के कुछ फर्म संचालक वैट के दौरान हजारों करोड़ रुपये के बोगस बिल काटते हुए सरकार से 300 करोड़ रुपये का रिफंड का लाभ ले चुके हैं। ये बिल इन्होंने 2005 से लेकर 2013 तक काटे। जिसके बाद इनके खिलाफ हरियाणा के साथ गुजरात में भी मामले दर्ज हुए। हरियाणा में सीबीआइ जांच भी शुरू करवाई।

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बेरोजगारों को बनाते है शिकार

बोगस बिल काटने वाले गिरोह का एक पूरा नेटवर्क हैं जो कानूनी विशेषज्ञों के साथ मिलकर बेरोजगारों को अपना शिकार बनाते है। इसमें बेरोजगारों के साथ वे खेतीहर मजदूरों व किसानों को भी नहीं छोड़ते। वे उनके आधार नंबर व पैन नंबर लेकर जीएसटी नंबर दिलाते हुए दो से तीन महीनों में करोड़ों के बोगस बिल काट देते है। ऐसा ही मामला गत नंवबर में सामने आया। न्यू इंडिया इंटरप्राइज नामक एक फर्म ने कुछ महीनों में ही 13 करोड़ रुपये के बोगस बिल जारी कर दिए, जांच में पता चला कि फर्म संचालक हवा¨सह गांव बड़ोपल का किसान है। जो 12वीं करने के बाद अपने खेत में ही काम कर अपनी आजीविका चला रहा है। उसके दस्तावेज किसी रिश्तेदार ने नौकरी के लिए फार्म भरने के लिए लिए थे, बाद में फर्म बनाते हुए बोगस बिल जारी कर दिए। इस बोगस बिल काटने वाली फर्म का कानूनी विशेषज्ञ सिरसा से जुड़ा हुआ था।

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बोगस बिल काटने वालों की शिकायत पुलिस को दे दी है। इसके अलावा विभाग भी इन पर पैनी नजर रखे हुए है। जिन फर्मों ने गड़बड़ी की थी, उन्हें ब्लैकलिस्ट करते हुए सील कर दिया है। बोगस बिलों का कारोबार सिरसा से संचालित हो रहा है। सिरसा में मैंने ही बोगस बिलों का भंडाफोड़ करते हुए कार्रवाई की थी।

- डा. वीके शास्त्री, उपायुक्त, कराधान एवं आबकारी विभाग।


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