डेरा प्रकरण में उधार से बनाई थी व्यवस्था, डेढ़ साल बाद भी प्रशासन ने नहीं चुकाए रुपये
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : जिला प्रशासन ने सिरसा डेरा प्रकरण के दौरान शहर की कई
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
जिला प्रशासन ने सिरसा डेरा प्रकरण के दौरान शहर की कई फर्मो से व्यवस्था बनाने के लिए उधार में काम करवाया, लेकिन अब प्रकरण जिले में शांति से निपटने के डेढ़ साल बाद भी उन फर्मो को रुपये जारी नहीं हुए है। इससे फर्म संचालकों में रोष है। बुधवार को कुछ फर्म संचालक उपायुक्त डा. जेके आभीर से मिले।
उन्होंने अपने बकाया रुपये की मांग की। हालांकि उन्हें उपायुक्त ने अपने तबादला होने पर किसी प्रकार का आश्वासन नहीं दिया गया।
एक फर्म संचालक ने बताया कि 25 अगस्त 2017 को सिरसा डेरा प्रमुख को यौन शोषण के आरोप में दोषी घोषित किया था। उस दौरान जिले में शांति व व्यवस्था बनाने के लिए भारी पुलिस फोर्स लगाई थी। कई जगह जगह एचडी कैमरे लगाए और वीडियोग्राफी करवाई। टेंट भी लगवाए गए। यहां तक की सेनेट्री स्टोर संचालकों से भी सामान लेकर रोड पर नाके लगाए। इसके अलावा व्यवस्था बनाने में लगे कर्मचारियों के लिए खाना का प्रबंध भी शहर से एक होटल से उधार लिया गया। जो 23 अगस्त से शुरू होकर 15 सितंबर तक जारी रहा। लेकिन अब उसकी पेमेंट नहीं जारी की जारी। फर्म संचालकों ने बताया कि उन्होंने इससे पूर्व भी उपायुक्त से मिले थे, लेकिन उनके बकाया रुपये जारी नहीं जारी हो रही।
-------------------
धरने पर भी नहीं बैठ सकते, डेरा प्रेमियों से नाराज होने का भय
फर्म संचालकों ने बताया कि वे अपने रुपये के लिए सामने भी नहीं आ सकते। इससे उनके व्यवसाय पर असर पड़ेगा। शहर में बड़ी संख्या में डेराप्रेमी हैं। यदि वे अपने बकाया रुपये के लिए लघु सचिवालय के बाहर धरने पर बैठेंगे तो इससे उनको ही परेशानी होगी। शहर के डेराप्रेमी उनके यहां से सामान खरीदा ही बंद कर देंगे।
---------------------------------
हाई कोर्ट के आदेश के बाद मिलेंगे रुपये
एक फर्म संचालक ने बताया कि उस दौरान उन्होंने किराए पर लेकर कैमरे लगाए लगाते हुए वीडियोग्राफी करवाई। वीडियोग्राफी के लिए कर्मचारी भी रखे। हालांकि
उन्होंने तो आगे रुपये दे दिए, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी उनके रुपये जारी नहीं कर रहे। अब जब भी रुपये के लिए अधिकारियों से मांग करते है तो अधिकारी कहते है कि हाईकोर्ट का आदेश है कि व्यवस्था बनाने पर खर्च हुए रुपये सिरसा डेरा से वसूल किए जाएंगे। ऐसे में प्रशासन रुपये जारी नहीं कर रहे। डेढ़ साल में 2 उपायुक्त का तबादला हो चुका है।
------------------------ यह हुआ था खर्च
सीसी कैमरे व वीडियोग्राफी पर : 2 लाख 10 हजार
भोजन व्यवस्था पर: 1 लाख 60 हजार
सेनेट्री स्टोर पर : 40 हजार
टेंट व अन्य समान के लिए: 90 हजार मेरे से फर्म संचालक अवश्य मिलने आए थे, लेकिन अब मेरा फतेहाबाद से तबादला हो गया है। इस बारे में अभी में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।
- जेके आंभीर, उपायुक्त, फतेहाबाद।