उफान पर घग्घर नदी, किसानों की सांस अटकी
पिछले दो तीन दिनों से घग्घर में जलस्तर बढ़ता जा रहा है। जिससे किसानों
संवाद सूत्र, जाखल:
पिछले दो तीन दिनों से घग्घर में जलस्तर बढ़ता जा रहा है। जिससे किसानों की नींद उड़ गई है। किसान दिन रात पेहरा दे रहे है ताकि कहीं से पानी का रिसाव न हो जाए। वहीं प्रशासन की पूरी टीम भी गांव कासिमपुर में बैठी हुई है। अगर घग्घर टूट सकती है तो वो गांव कासिमुपर के पास ही टूट सकती है। इसलिए वहां पर जेसीबी मशीन के अलावा मिट्टी से भरे कट्टे रखवा दिए है ताकि जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके। इसके अलावा गांव के मनरेगा मजदूरों को भी घग्घर नदी के पास मंडेर को ऊंचा करने के लिए लगा दिया है। शुक्रवार को 16 हजार क्यूसिक पानी रिकॉर्ड दर्ज किया गया।
जानकारी के अनुसार पिछले तीन दिनों से घग्घर नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। पहले दिन सात हजार क्यूसिक था तो दूसरे दिन 13 हजार हो गया। शुक्रवार को 16 हजार क्यूसिक पानी दर्ज किया गया है।
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खाना भी पुल पर बना रहे
किसानों ने कासिमपुर के पास डेरा डाल लिया है। करीब 70 किसान यहां पर पुल की रखवाली कर रहे है। इस स्थान पर किसान भोजन व चाय खुद बना रहे है। दिन और रात में किसानों ने डयूटी लगाई है। किसान रमेश कुमार, सुरेश कुमार, दिलबाग ¨सह, सरजीत ¨सह ने बताया कि यह पहला मौका है जब इतना पानी बढ़ा है। करीब 9 साल पहले जब बाढ़ आई थी तो इतना पानी आया था। किसानों ने आरोप लगाया कि घग्घर नदी की सफाई अगर होती तो इतना पानी नहीं बढ़ता है।
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शाम से पानी कम होना शुरू हो गया है। जो खतरा था वो लगभग टल गया है। फिर हिदायत के तौर पर उन्होंने कर्मचारियों की डयूटी लगा दी है। जहां ज्यादा खतरा है वहां मनरेगा मजदूरों की सहायता से मंडेर को ऊंचा करवाया गया है।
धूप ¨सह
कार्यकारी अभियंता ¨सचाई विभाग टोहाना।