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मुच्छल धान की बोली न होने पर मंडी में किसानों ने किया प्रदर्शन, अधिकारियों पर लगाए आरोप

अनाज मंडी में किसानों का शोषण हो रहा है। धान अनाजमंडी मे

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 12:14 AM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 12:14 AM (IST)
मुच्छल धान की बोली न होने पर मंडी में किसानों ने किया प्रदर्शन, अधिकारियों पर लगाए आरोप
मुच्छल धान की बोली न होने पर मंडी में किसानों ने किया प्रदर्शन, अधिकारियों पर लगाए आरोप

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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अनाज मंडी में किसानों का शोषण हो रहा है। धान अनाजमंडी में बोली के माध्यम से खरीदने की बजाए व्यापारी उचंति खरीद रहे है। कागजों में बोली नियमित रूप से हो रही है, लेकिन वास्तविकता यह है कि सभी किस्मों के धान की बोली सुबह साढ़े 11 बजे शुरू होती है जो मुश्किल से दोपहर एक बजे तक चलती है। इस दौरान 15 से 20 ढेरियों का धान ही खरीदा जाता है। इसके बाद जो धान बच जाता है वो आढ़ती के मार्फत उचंति सस्ते रेट में किसानों का खरीदा जाता है, जिसका कोई रिकार्ड नहीं होता। किसान सीधा धान बेचे तो उसका धान 10 दिनों तक नहीं खरीदा जाता। इसमें मार्केट कमेटी के अधिकारियों की भी मिलीभगत सामने आ रही है। मंडी में लगातार अधिकारी व मंत्री दौरा कर रहे है, लेकिन अधिकारियों व व्यापारियों की सांठगांठ के चलते किसानों को लगातार परेशानी बनी हुई है। जिसका समाधान निगरानी कमेटी के अलावा उपायुक्त भी नहीं करवा रहे। बुधवार दोपहर बाद फतेहाबाद की मुच्छल अनाज मंडी में किसानों ने मार्केट कमेटी के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। भोडियाखेड़ा के किसान अजीज, रामचंद्र, भिरड़ाना के राजेंद्र, ढाणी छतरिया के महावीर व भूथनकलां के रामचंद्र सहित अनेक किसानों ने बताया कि वे शनिवार व रविवार को मंडी में मुच्छल किस्म के बासमति धान लेकर आए। उन्हें उनके आढ़तियों सूचना दी थी कि सोमवार को उनके धान की बोली हो जाएगी। लेकिन बुधवार शाम तक उनके धान की बोली नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि बुधवार को मंडी में व्यापारियों व अधिकारियों ने सिर्फ 15 ढेरियों की बोली लगाकर चले गए। जबकि इतनी ही ढेरिया और रहे गई। इसके बाद व्यापारी पक्की बोली करने की बजाए धान को उचंति खरीदने के लिए आए। वे मुच्छल के भाव 2400 से 2600 रुपये प्रति ¨क्वटल लगा रहे थे, जबकि पक्की बोली में इसी किस्म का धान 3200 रुपये प्रति ¨क्वटल तक बिका। उन्होंने आरोप लगाया कि व्यापारी उचंति धान खरीद कर किसानों को लूट रहे है, इसके अलावा मार्केट फीस की चोरी भी कर रहे है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह चोरी मार्केट कमेटी के अधिकारियों के साथ मिलकर कर रहे है।

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मार्केट कमेटी में धान की सभी किस्मों की बोली सही हो रही है, किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। यदि कहीं पर भी बोली को लेकर समस्या हैं तो किसान इसकी सूचना व शिकायत मुझे दे, मैं संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करूंगा।

- संजीव सचदेवा, सचिव, मार्केट कमेटी।


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