दो साल पहले बनी नहर बदहाली का शिकार, मरम्मत के नाम पर हो रही लीपापोती
गांव के बीचों-बीच से गुजरती भिरड़ाना माइनर नहर का निर्माण दो वर्ष पहले किया गया था। लेकिन अब नहर जगह जगह से टूट गई है। नहर को ठीक करने के नाम पर लीपापोती हो रही है।
संवाद सूत्र, कुलां :
गांव के बीचों-बीच से गुजरती भिरड़ाना माइनर नहर का निर्माण दो वर्ष पहले किया गया था। लेकिन अब नहर जगह जगह से टूट गई है। नहर को ठीक करने के नाम पर लीपापोती हो रही है।
10 गांवों के जलघर जुड़ें हैं इस नहर से
भिरड़ाना माइनर नहर से फतेहाबाद तक करीब 50 हजार एकड़ सिचाई होती है। करीब 10 गांवों के जलघर पर इस नहर पर निर्भर है। उसके बाद भी अधिकारी गंभीर नहीं है। अधिकारियों की गड़बड़ी के चलते कभी भी नहर टूट सकती है। इससे किसानों में रोष व्याप्त है। कई बार किसान इस बारे में संबंधित अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं।
कुलां के पास टूटी नहर की पटरी को ठीक करने के लिए टोहाना सिचाई विभाग के अधिकारी पहुंचे।
गांव कुलां के किसान मनदीप सिंह, विक्रांत, रविद्र ने आरोप लगाया कि अधिकारी पहले नहर निर्माण में गड़बड़ी की। अब गड़बड़ी को ठीक करने में भी सही सामग्री का प्रयोग नहीं कर रहे है। अब किसानों ने पूरे प्रकरण की मांग विजिलेंस जांच की है। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेजी। उन्होंने मांग की है कि पटरी को अच्छी तरह मजबूती व कंक्रीट डालकर पुन बनाना चाहिए, ताकि भविष्य में दोबारा पटरी न टूटे।
------------------------ पानी की वजह से नहर की पटरी कुछ जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है। जहां से पटरी टूटी थी उसे दुरुस्त करा दिया गया है। भविष्य में भी कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। सिचाई विभाग किसानों के लिए दिन रात काम कर रहा है।
- पवन नैन, कनिष्ठ अभियंता, सिचाई विभाग, टोहाना