भूना क्षेत्र में टीबी ने पसारे पांव, विभाग का अभियान भी नजर आ रहा फेल
संवाद सूत्र भूना सरकार व स्वास्थ्य विभाग टीबी जैसी घातक बीमारी पर अंकुश लगाने के लाख प्रय
संवाद सूत्र, भूना :
सरकार व स्वास्थ्य विभाग टीबी जैसी घातक बीमारी पर अंकुश लगाने के लाख प्रयास क्यों न कर ले, लेकिन आमजन में जागरूकता के बिना उक्त घातक बीमारी को जड़ मूल से खत्म नहीं किया जा सकता। स्वास्थ्य विभाग टीबी पर पूर्णतया अंकुश लगाने के लिए लाखों रुपये पानी की तरह बहा रहा है। बीमारी को हलके में लेने की भूल मरीजों को दिन प्रतिदिन मौत के करीब ले जा रही है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भूना के अधीनस्थ विभिन्न गांवों में भी टीबी के मरीजों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर संदिग्ध मरीजों की रक्त जांच के साथ-साथ अन्य चेकअप भी निशुल्क कर रही है। जिसका परिणाम यह है कि वर्ष 2019 में ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भूना में 250 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है।
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वर्ष 2019 में मरीजों की संख्या
जनवरी 23
फरवरी 27
मार्च 16
अप्रैल 56
मई 31
जून 29
जुलाई 30
अगस्त 32
सितंबर 06
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क्या है टीबी के लक्षण
-दो सप्ताह से अधिक खांसी का रहना।
- बलगम में खून आना।
- लगातार बुखार रहना।
- रात के समय पसीना आना।
- वजन कम होना व भूख का कम लगना।
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स्वास्थ्य विभाग के प्रयास
टीबी रोग को जड़ मूल से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अथक प्रयास किए जा रहे हैं। मरीजों को प्रेरित करने के लिए न केवल संपूर्ण उपचार निशुल्क किया जा रहा है, बल्कि बीमारी से होने वाली कमजोरी से उभारने के लिए 500 रुपये महीना पौष्टिक आहार के लिए प्रदान किए जाते है।
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सूचना देने वाले को भी प्रोत्साहन
स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी रोगियों को सीएचसी तक लाकर तथा समय-समय पर दवा खिलाने वाले व्यक्ति को भी विभाग द्वारा 500 रुपये की राशि प्रदान की जाती है। उक्त लाभपात्र पर मरीज को संपूर्ण उपचार प्रदान करना का दायित्व रहता है।
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कैसा हो खान-पान
टीबी ग्रस्त मरीज को खान पान के प्रति भी सजग रहना चाहिए। चिकित्सकों का मानना है कि टीबी ग्रस्त मरीज के स्वास्थ्य में गिरावट आने के साथ-साथ कमजोरी भी आ जाती है। ऐसे में मरीज को हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें व फ्रूट का सेवन करना चाहिए। जबकि ठंडी चीजों से पूर्णतया परहेज रखना चाहिए, ताकि रोग पर अंकुश लगे। --------------------------------------------
विभाग ने जब से यह अभियान शुरू किया है तभी तो लोग जागरूक हुए है। अब लोग जांच करवाने के लिए आ रहे है। तभी ये आंकड़े आए है। पहले इलाज नहीं करवाते थे और मौत भी हो जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है।
मनीष टूटेजा
टीबी रोग विशेषज्ञ व इंचार्ज। स्वास्थ्य विभाग ने उक्त रोग संबधी जांच के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया हुआ है। जिसके माध्यम से आमजन 1800116666 पर फोन करके रोग से संबंधित विभिन्न जानकारी ले सकते हैं।