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छह महीने के बाद स्कूल आए विद्यार्थी, पहले दिन रही 5 फीसद की हाजिरी

जागरण संवाददाता फतेहाबाद जिले में छह महीने के बाद विद्यार्थियों की एंट्री स्कूलों में हु

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 07:41 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 07:41 AM (IST)
छह महीने के बाद स्कूल आए विद्यार्थी, पहले दिन रही 5 फीसद की हाजिरी
छह महीने के बाद स्कूल आए विद्यार्थी, पहले दिन रही 5 फीसद की हाजिरी

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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जिले में छह महीने के बाद विद्यार्थियों की एंट्री स्कूलों में हुई है। नौंवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को परामर्श के लिए स्कूल में आने की अनुमति थी। पहले दिन आधी अधूरी तैयारी के साथ विद्यार्थी स्कूलों के अंदर आए। शहरों के अंदर बने स्कूलों में व्यवस्था अच्छी थी। लेकिन स्कूलों में कम ही विद्यार्थी पहुंचे। विद्यार्थी व अभिभावक अब भी कोरोना से डरे हुए हैं। सोमवार को स्कूल खुलने पर केवल 5 फीसद विद्यार्थियों की एंट्री रही। आने वाले समय में विद्यार्थियों का कैसा रूख रहता है यह देखने वाली बात है।

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तीन अध्यापिका कोरोना पॉजिटिव मिली, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रहा बंद

शहर के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की तीन अध्यापिका कोरोना पॉजिटिव पाई है। शनिवार को इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जिसके बाद इस स्कूल को खोला नहीं गया। ऐसे में इस स्कूल में प्रवेश करने के लिए छात्राओं को कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। वहीं विभाग के आदेश थो कि सभी स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों का कोरोना टेस्ट होना चाहिए। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। केवल 10 फीसद अध्यापकों ने अपना टेस्ट करवाया है। शहर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के अध्यापकों ने अपना टेस्ट तक नहीं करवाया गया है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि आधी अधूरी व्यवस्था के बाद स्कूलों को खोल दिया गया।

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हर स्कूल में नहीं पहुंचे निरीक्षण करने अधिकारी

जिला शिक्षा अधिकारी ने ड्यूटी लगाई थी कि पहले दिन व्यवस्था को लेकर निरीक्षण करे। शहर व आसपास के गांवों में तो अधिकारी पहुंच गए। लेकिन दूर दराज गांवों में अब भी पहले जैसी व्यवस्था है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि कई स्कूलों ने तो स्क्रीनिग के लिए मशीन तक नहीं खरीदी है। ऐसे में वहां आने वाले विद्यार्थी अपने आप को कैसे कोरोना से बचा सकते है ये भी बड़ा सवाल है। शहरों में बने स्कूलों में व्यवस्था अच्छी थी। स्कूल में प्रवेश करने से पहले विद्यार्थी की स्क्रीनिग की गई और बच्चों को अलग अलग बैठाया गया। हर विद्यार्थी एक घंटे तक स्कूल में रहा और काम पूछकर चला भी गया। वही सबसे पहले अभिभावकों द्वारा लिखित में पत्र भी अध्यापकों ने लिया जिसमें सहमति जताई थी।

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अब जरा आंकड़ों पर डाले नजर

नौंवीं से दसवीं तक विद्यार्थियों की संख्या : 19,628

ग्यारहवीं से बारहवीं विद्यार्थियों की संख्या : 11827

कुल विद्यार्थी : 31455

जिले के स्कूलों में आए विद्यार्थी : 1572

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किसी खंड में आए कितने विद्यार्थी

फतेहाबाद 344

टोहाना 288

रतिया 210

भूना 275

भट्टू 211

जाखल 244

कुल 1572

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छह महीने के बाद स्कूल में आने के बाद ये बोले विद्यार्थी पिछले छह महीने से घर पर था। ऐसे में पढ़ाई भी अच्छे से नहीं हो रही। ऑनलाइन कक्षा और स्कूली शिक्षा में दिन-रात का अंतर है। आज वे आए तो अध्यापकों से पूछा भी है। जिससे आने वाले समय में सहायता मिलेगी। लेकिन स्कूल आने में डर भी लग रहा है। ऐसे में वो पूरी सुरक्षा के साथ स्कूल आए हैं। घर जाने के बाद पहले स्नान करेंगे और उसके बाद दूसरा काम।

मोहित

छात्र राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय फतेहाबाद।

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स्कूल आने से पहले उसने अपनी जेब में सैनिटाइजर डाला। छह महीने के बाद स्कूल आए तो स्कूल की सूरत ही बदली नजर आई।। यहां पहुंचक शिक्षकों से सीखा कि काम कैसे करना है। डर तो लग रहा है लेकिन इसके साथ पढ़ाई भी करनी है। नियमों की पालना से ही कोरोना संक्रमण से बच पाएंगे।

राघव

छात्र राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय फतेहाबाद।

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टोहाना खंड में यह रहीं व्यवस्थाएं

फोटो : 14 की सीरीज

सोमवार को टोहाना खंड के सरकारी व निजी विद्यालयों में विद्यार्थी अपने अभिभावकों से सहमति लेकर शिक्षकों से परामर्श लेने पहुंचे। खंड शिक्षा अधिकारी मुकेश शर्मा ने क्षेत्र के स्कूलों का प्रथम दिन औचक निरीक्षण कर कोविड-19 वह अन्य शिक्षा संबंधी नियमों का जायजा लिया। जबकि जमालपुर शेखां में आये कुछ विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें समझाया कि कोरोना काल में कोविड-19 से बचते हुए वह अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाए। उन्होंने स्कूल के स्टाफ सदस्यों को भी कोविड टेस्ट करवाने के निर्देश दिये। खंड शिक्षा अधिकारी मुकेश शर्मा ने प्रथम दिन क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन स्कूलों का औचक निरीक्षण किया तथा इंतजामों को जांचा। -------------------------------

परामर्श के लिए पहला दिन था। इसलिए विद्यार्थियों की संख्या भी कम रही। अगर कहीं पर नियम लागू नहीं हो रहे है तो उसे लागू करवाए जाएंगे। वही कोरोना के टेस्ट करवाए जा रहे है।

दयानंद सिहाग

जिला शिक्षा अधिकारी फतेहाबाद।


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