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एसडीएम ने गांव कमाना में किया आधुनिक मशीनों से पराली से गांठें बनाने के कार्य का निरीक्षण

संवाद सूत्र रतिया एसडीएम सुरेंद्र सिंह बेनीवाल ने सोमवार को गांव कमाना की अनाज मंडी में निर

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 01:10 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 05:11 AM (IST)
एसडीएम ने गांव कमाना में किया आधुनिक मशीनों से पराली से गांठें बनाने के कार्य का निरीक्षण
एसडीएम ने गांव कमाना में किया आधुनिक मशीनों से पराली से गांठें बनाने के कार्य का निरीक्षण

संवाद सूत्र, रतिया: एसडीएम सुरेंद्र सिंह बेनीवाल ने सोमवार को गांव कमाना की अनाज मंडी में निरीक्षण किया और किसानों की समस्याओं की जानकारी ली। एसडीएम ने कृषि विभाग और पंचायत विभाग के अधिकारियों को सख्त-निर्देश देते हुए कहा कि किसानों की जो समस्याएं है उनका समाधान करें। उन्होंने किसानों से कहा कि वे कृषि विभाग के पोर्टल पर मेरी फसल मेरा ब्योरा के तहत पंजीकरण करवाएं। एसडीएम ने गांव में खाली पड़ी पंचायती जगह पर पराली से तैयार गांठें रखवाने बारे वहां पर मौजूद किसानों से कहा। इसके बाद एसडीएम ने किसान प्रकाश सिंह ने 11 एकड़ और पोला सिंह द्वारा ढाई एकड़ में आधुनिक मशीनों द्वारा धान की फसल के अवशेषों से तैयार गांठे बनाने के कार्य की सराहना की।

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बलकार सिंह ने जानकारी दी कि आधुनिक मशीनों द्वारा खेत से गांठे तैयार करके उठाकर लें जाने का खर्च 1 एकड़ का 2500 रुपये पड़ता है। एसडीएम ने क्षेत्र के किसानों से अपील की है कि वे धान कटाई के बाद फसल अवशेष को आग ना लगाएं। खेतों में फसल अवशेष जलाने से न केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती है, पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। सरकार द्वारा फसल अवशेषों का सही प्रबंधन करने के लिए कृषि यंत्रों पर भारी अनुदान भी दिया जाता है और पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को भी प्रोत्साहन स्वरूप राशि दी जाती है। उन्होंने कहा जो किसान अपने धान की पराली का कृषि यंत्र द्वारा पराली प्रबंधन करवाएगा तो उस किसान को प्रति एकड़ अधिकतम एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि किसान यदि औद्योगिक इकाई में गांठों को बेचता है तो उसे संबंधित औद्योगिक इकाई से बिल प्राप्त करना होगा। इसके अलावा यदि पंचायत द्वारा उपलब्ध करवाई गई भूमि पर गांठों को एकत्रित करता है तो ग्राम पंचायत एवं विभागीय कर्मचारियों द्वारा उसे सत्यापित प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा, जिसे किसान द्वारा उक्त पोर्टल पर अपलोड करना होगा, ताकि किसान को पराली प्रबंधन बारे प्रोत्साहन राशि दी जा सके।

इस अवसर पर एडीओ डा. संतलाल, पंचायत अधिकारी उमेद सिंह, कानूनगो गुरमेल सिंह, महेंद्र सिंह, सुखपाल, गुरप्रीत सिंह, सरदार जगराज सिंह, भोला सहित अन्य किसान मौजूद रहे।


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