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सेटेलाइट व राजस्व विभाग के रिकॉर्ड का नहीं हुआ मिलान, दूसरी बार नहीं हुई चिल्ली झील की पैमाइश

जागरण संवाददाता फतेहाबाद चिल्ली झील को पर्यटन स्थल बनाने के लिए पूरा जिला प्रशासन लगा हु

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 07:16 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 07:16 AM (IST)
सेटेलाइट व राजस्व विभाग के रिकॉर्ड का नहीं हुआ मिलान, दूसरी बार नहीं हुई चिल्ली झील की पैमाइश
सेटेलाइट व राजस्व विभाग के रिकॉर्ड का नहीं हुआ मिलान, दूसरी बार नहीं हुई चिल्ली झील की पैमाइश

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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चिल्ली झील को पर्यटन स्थल बनाने के लिए पूरा जिला प्रशासन लगा हुआ है। इसकी खुद निगरानी उपायुक्त डा. नरहरि सिंह बांगड़ कर रहे है। लेकिन जगह की पैमाइश को लेकर पिछले 10 दिनों से अधिकारी परेशान हो रहे है। कागजों व सेटेलाइट का रिकॉर्ड मिलान नहीं हो रहा है। जिससे राजस्व विभाग के अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ा दी है। अधिकारियों ने अब दावा किया है कि आने वाले दिनों में रिकॉर्ड को सही कर लिया जाएगा और फिर से निशानदेही करवा दी जाएगी।

यह दूसरी बार है जब चिल्ली झील की पैमाइश नहीं हुई। पिछली बार भी ऐसा हुआ था कि मशीन का रिकॉर्ड मिलान नहीं हुआ था। 12 अक्टूबर को होने वाली पैमाइश में तो राजस्व विभाग झील तक भी नहीं आए थे। लेकिन वीरवार केा राजस्व विभाग से कानूनगो राजाराम, नगरपरिषद से जेई सुखविद्र धुडिया सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे। सुबह साढ़े 10 बजे अधिकारी आ गए। लेकिन जब मशीन लगाई तो रिकॉर्ड का मिलान नहीं हुआ। रिकॉर्ड का मिलान करने के लिए सेटेलाइट को बाइपास तक लेकर गए ताकि सही मिलान हो सके। मशीन में जो रिकॉर्ड आया और जो कागजों में था वो मिलान नहीं हो रहा था। ऐसे में अधिकारियों ने पैमाइश कार्य बीच में ही रोक दिया।

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डीसी से मिले अधिकारी

चिल्ली झील को विकसित करने के लिए उपायुक्त डा. नरहरि सिंह बांगड़ निगरानी करने के बाद राजस्व विभाग के अधिकारी डीसी से भी मिले। उन्होंने डीसी के सामने अपनी बात रखी। वहीं डीसी ने भी आदेश दिए है कि जल्द से जल्द इस काम को पूरा करना है। चिल्ली को विकसित करने के लिए जो दूसरे काम है वो भी तैयार रखे ताकि काम प्रभावित ना हो।

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कब्जाधारी बोले, प्रशासन कर रहा रहा है परेशान

पिछले दिनों नगरपरिषद ने हरनाम सिंह, तरसेम सिंह, आत्माराम व ज्ञानी राम को नोटिस दिया था। नोटिस के बाद ये लोग भी निशानदेही में शामिल होने के लिए आए थे। इन लोगों ने कि वो पिछले 35 सालों से यहां पर मकान बनाकर रहे है। ऐसे में उनका कब्जा ना लिया जाये। अगर यहां से कब्जा हटवाया जाएगा तो वो धरना भी देंगे। इसलिए जिला प्रशासन से अनुरोध है कि अगर उनकी जमीन आ रही है तो वो कलेक्टर रेट से राशि भरवा सकता है। अगर मकान नहीं बचेंगे तो वो बेघर हो जाएंगे।

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अब जरा आंकड़ों पर डाले नजर

-चिल्ली की कितनी है जमीन : 27 कनाल 9 मरले

-झील पर लोगों का कब्जा : 17 लोगों का

-कितनी जमीन पर कब्जा : 3 कनाल

-मुख्यमंत्री ने कब की थी घोषणा : 2010

-मुख्यमंत्री ने कितनी मिल चुकी है राशि : 8.42 करोड़ रुपये

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चिल्ली झील की पैमाइश दूसरी बार भी नहीं हो पाई है। सेटेलाइट से जो डाटा आया और जो कागजों में था वो मिलान नहीं हो पाया है। ऐसे में निशानदेही नहीं हो पाई है। इस बार रिकॉर्ड ठीक करके जल्द ही नई तिथि जारी की जाएगी ताकि इस काम को समय पर पूरा किया जा सके।

राजाराम

कानूनगो राजस्व विभाग फतेहाबाद।


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