मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने धरने पर जमकर नारेबाजी की
फतेहाबाद विज्ञप्ति हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन संबंधित सर्व कर्मचारी संघ राज्य कमेटी के
फतेहाबाद, विज्ञप्ति : हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन संबंधित सर्व कर्मचारी संघ राज्य कमेटी के आह्वान पर डिपो प्रधान शिवकुमार श्योराण की अध्यक्षता में लंबित मांगों को लेकर धरना दिया। परिवहन मंत्री के साथ छह जनवरी व चार जून को हुई बैठक में मानी गई मांगें लागू नहीं करने के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। धरने पर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए यूनियन के प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया व राज्य ऑडिटर सूबे सिंह धनाणा ने कहा कि सरकार की वादाखिलाफी व लंबित मांगों को लेकर आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने विभाग में किलोमीटर व स्टेज कैरिज स्कीम 2016 रद करने, प्रदेश की आबादी अनुसार विभाग में 14 हजार सरकारी बसें शामिल करने, निजीकरण, ठेका प्रथा व आउटसोर्सिंग पालिसी पर पूर्ण रोक लगाने, कोरोना महामारी के दौरान विभाग को हुए घाटे की भरपाई के लिए 2000 करोड़ रुपये का पैकेज देने, सरकार द्वारा 2006 के बाद भर्ती सभी कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने, परिचालकों का वेतनमान अपग्रेड करने, विभाग में कार्यरत सभी कर्मचारियों को 5000 रुपये जोखिम भत्ता देने, महंगाई अनुसार वर्दी व जूतों के रेट बढ़ाने, कर्मशाला कर्मचारियों को चालक-परिचालकों के समान रात्रि भत्ता देने, विभाग में 1992 से 2003 के मध्य लगे कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने, 2016 में भर्ती कच्चे चालकों सहित विभाग में कार्यरत सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, कर्मशाला सहित सभी श्रेणियों के खाली पड़े पदों पर तुरन्त पक्की भर्ती करने, लिपिकों सहित सभी श्रेणियों के खाली पड़े प्रमोशनल पदों पर प्रमोशन करने, कर्मशाला व स्टोर में कार्यरत तकनीकी वेतनमान से वंचित सभी कर्मचारियों को तकनीकी वेतनमान देने, कर्मशाला कर्मचारियों के कम किये गये राजपत्रित अवकाश पहले की तरह लागू करने, बोनस की स्थाई नीति बनाकर विभाग में कार्यरत सभी कर्मचारियों को एक माह के वेतन के समान वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18, 2018-19, 2019-20 व 2020-21 सहित छह वर्ष के बकाया बोनस का भुगतान शीघ्र करने की पुरजोर मांग की। इस मौके पर कर्मचारी नेता सुरजीत दुसाद, रमेश तुषामढ़, राजपाल मित्ताथल, इन्द्र सिंह घासी, सुरेन्द्र मलिक, सुभाष बिश्नोई, ईश्वर सिंह सहारण, कुलदीप मलिक, रामकुमार नैन, चन्दभान खटक, राजेन्द्र फौजी, प्रदीप कुमार लम्बोरिया आदि नेताओं ने सरकार की कर्मचारी व जन विरोधी नीतियों की जमकर आलोचना की।