जाखल में नपा उपाध्यक्ष को हटाया, हाई कोर्ट से राहत मिलने पर अध्यक्ष की कुर्सी रहेगी बरकरार
संवाद सूत्र जाखल जाखल मंडी नगरपालिका के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को पद मुक्त करने की मांग को लेकर
संवाद सूत्र, जाखल : जाखल मंडी नगरपालिका के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को पद मुक्त करने की मांग को लेकर कुल 13 में से 9 पार्षदों द्वारा शुरू की गई बगावत के बाद आखिरकार मंगलवार को नपा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की कुर्सी को लेकर रास्ता साफ हो ही गया। अविश्वास प्रस्ताव पास होने पर मंगलवार को जहां नपा उपाध्यक्ष अमित बागड़ी की कुर्सी चली गई है, वहीं उच्च न्यायालय से राहत मिलने से नपा अध्यक्ष सीमा गोयल की कुर्सी बरकरार रहने से बागी पार्षदों को बड़ा झटका लगा है। नपा प्रधान सीमा गोयल द्वारा हाई कोर्ट की शरण लेने पश्चात कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव को निरस्त कर पुन: सीमा गोयल को ही नपा अध्यक्ष की कमान सौंपी है। हाई कोर्ट से अध्यक्ष बने रहने की स्वीकृति मिलने के बाद सीमा गोयल अब दस्तावेज प्रक्रिया पूरी कर विधिवत नपा अध्यक्ष का चार्ज सौंपने की तैयारी में जुटी है।
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13 में से 9 पार्षदों ने अमित बागड़ी के खिलाफ दिया वोट
वहीं दूसरी ओर मंगलवार को टोहाना उपमंडल अधिकारी नवीन कुमार की अध्यक्षता में हुए मतदान में कुल 13 में से 9 पार्षदों द्वारा नपा उपाध्यक्ष अमित बागड़ी के खिलाफ वोट करने पर अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर प्रशासन द्वारा उसे पद मुक्त कर दिया गया है। इसके साथ ही आगामी आदेशों तक नपा उपाध्यक्ष के चुनाव पर रोक लगाई गई हैं।
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9 पार्षदों ने शुरू की थी बगावत
विदित हो कि कुछ समय पूर्व नपा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष से असंतुष्ट होने का हवाला देते हुए 9 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए जिला उपायुक्त को हलफनामा सौंपा था। जिस पर कार्यवाही करते हुए उपायुक्त ने टोहाना उप मंडल अधिकारी को मा़र्फत कर जाखल के नायब तहसीलदार को बीती 23 जून को इसकी वास्तविकता जांच के आदेश हुए थे। जाखल के नायब तहसीलदार ने जांच में अविश्वास पत्र की जांच कर सही पाए जाने की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत की थी। जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव के लिए 14 जुलाई का दिन निश्चित किया गया था।
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अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की कार्यप्रणाली से खफा थे पार्षद
जानकारी के मुताबिक दिसंबर 2018 में संपन्न हुए जाखल नपा के चुनाव में भाजपा नेता नोहर चंद गोयल की पुत्रवधू सीमा गोयल जीत अर्जित करने के बाद नपा जाखल की अध्यक्ष एवं अमित बागड़ी उपाध्यक्ष बने थे। इसके बाद करीब डेढ़ वर्ष तक सब ठीक ठाक चला, परंतु इसके बाद प्रधान व उपप्रधान के कार्यों से संतुष्ट न होने पर विरोध में आए 9 पार्षदों ने बगावत शुरू कर दी। इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव करने की तय तिथि मुताबिक मंगलवार को 9 पार्षदों द्वारा उपाध्यक्ष अमित बागड़ी के विरोध में वोट किया गया। इस पर प्रशासन ने उन्हें नपा उपाध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया है।
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सीमा गोयल को हाई कोर्ट से मिली राहत
नपा अध्यक्ष सीमा गोयल द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को लेकर हाईकोर्ट की शरण ली गई थी। उन्होंने नपा प्रधान पद को लेकर हरियाणा सरकार के नपा अधिनियम 1973 की धारा 21 के बिदू 2 का हवाला देते हुए उनके खिलाफ लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की थी। इस पर हाईकोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव को निरस्त कर नपा अध्यक्ष की कुर्सी बरकरार रखी है।
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वर्जन्:::::::::::
जिला उपायुक्त के निर्देशानुसार अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मंगलवार को हुए मतदान में 13 में से 9 पार्षदों द्वारा उपप्रधान के खिलाफ अविश्वास के पक्ष में वोट डाले हैं। वहीं उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार नपा अध्यक्ष के पद पर अभी सीमा गोयल ही विराजमान रहेंगी। आदेश जारी किए गए हैं। मंगलवार को हुई तमाम कार्यवाही की रिपोर्ट जिला उपायुक्त को भेजी जाएगी। उनके आदेशों पर ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
नवीन कुमार, उपमंडलाधीश टोहाना।