खेल के नाम पर हो रहा खिलवाड़
जागरण संवाददाता फतेहाबाद जैसे जैसे खेल के क्षेत्र में रोजगार के अधिक अवसर उत्पन हो रह
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
जैसे जैसे खेल के क्षेत्र में रोजगार के अधिक अवसर उत्पन हो रहे है, वैसे ही अब इसमें गड़बड़ी अधिक होने लगी। जानकारी के अभाव में कई अकेडमी व एसोसिएशन संचालक खिलाड़ियों को गुमराह कर रहे है। जिसके चलते युवा सही मेहनत करने के बाद भी आगे बढ़ नहीं पा रहे है। अकेडमी संचालक अपनी ही एसोसिएशन बना लेते है जो बाद में नेपाल व भूटान सहित अन्य अविकसित देशों में खिलाड़ियों को हजारों रुपये लेकर खेला लाते है। उसे मेडल की खेल विभाग में कोई वैल्यू नहीं है। न ही खेल विभाग के अधिकारी उसे ग्रेडेशन बनाते।
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ये ओलंपिक गेम :
ओलंपिक में 25 प्रकार के खेल होते है। जिसमें एथलेक्टिस, आर्चरी, हॉकी, फुटबॉल, बास्केटबॉल, वालीबाल, बॉक्सिग, कुश्ती, जिम्नास्टिक, भारतोलक, हेंडबॉल, साइक्लिग, जूडो, टेबल टेनिक, लॉन टेनिस, रॉविग, तलवारबाजी, निशानेबाजी, तैयारी, बेडमिटन, नौकायन प्रमुख है। वहीं नॉन ओलंपिक गेम में बेसवाल, क्रिकेट, खो-खो, नेटबॉल, स्केटिग, साफ्टबाल, थ्रो बॉल, कबड्डी हरियाणा व नेशनल स्टाइल, योगा, बिलयर्ड, स्नूकर, गोल्फ, शतरंज व कराटे शामिल है।
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बिना ग्रेडेशन के नहीं मिलता फायदा
खेल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि खेल के नाम पर खिलवाड़ के मामले बढ़ रहे है। कई ऐसी एसोसिएशन हैं जिनका नाम ही ऐसे है कि कोई भी गुमराह हो सकता है। वे ओलंपिक गेम में शामिल खेलों की प्रतियोगिता करवाते है, लेकिन उनकी एसोसिएशन सही नहीं है। ऐसे में उनके प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर खेलों या राष्ट्रीय स्तर पर ग्रेडेशन का सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा। बिना ग्रेडेशन के सरकारी नौकरी के अलावा प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही प्रोत्साहन राशि भी नहीं मिली।
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युवा खिलाड़ियों को फर्जी एसोसिएशन व कुछ अकेडमी संचालक गुमराह करते है। इससे खिलाड़ियों को परेशानी आ रही है। सही गेम के साथ सही फर्जी संगठनों द्वारा करवाए जा रहे गेम खेलने से युवाओं परेशानी आती है। यदि किसी खिलाड़ी के साथ धोखा हुआ है तो वे इसकी शिकायत करें, ताकि अन्य खिलाड़ियों के साथ ऐसा न हो सके।
- सुदेश कुमार, जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी।