नशा छोड़ने वाले मरीजों को दवा की जगह मिल रहा दर्द, एक माह से अस्पताल में दवा नहीं
मुकेश खुराना फतेहाबाद नशा जिला के लिए इन दिनों मुख्य मुद्दा बना हुआ है। 20 से 35 वर्ष तक
मुकेश खुराना, फतेहाबाद
नशा जिला के लिए इन दिनों मुख्य मुद्दा बना हुआ है। 20 से 35 वर्ष तक के युवा सबसे ज्यादा इसकी चपेट में आ रहे हैं। एक साल में करीब
नशे की गिरफ्त में आ चुके मरीज छोड़ने के लिए कदम तो आगे बढ़ रहे हैं। रोजाना नागरिक अस्पताल में नशा से संबंधित 150 से 200 मरीजों की आउटडोर ओपीडी आ रही है। यानि की हर माह तीन से चार हजार मरीज नशा छोड़ने के लिए ओपीडी में आ रहे हैं। लेकिन जानकार हैरानी होगी कि इन मरीजों को उपचार में दी जाने वाली दवाइयां नागरिक अस्पताल में नहीं है। अस्पताल की डिस्पेंसरी में दवाइयां एक या दो दिन से नहीं बल्कि पिछले एक माह से खत्म हैं।
नागरिक अस्पताल प्रशासन एक माह भी खत्म दवाइयों के स्टॉक का प्रबंध नहीं कर पाया है। हिसार वेयर हाउस में भी संबंधित दवाइयों का स्टॉक खत्म है। ये ऐसी प्रतिबंधित दवाइयां है जो मरीजों को बाहर मेडिकल पर भी नहीं मिल रही है। अस्पताल प्रशासन सिर्फ वेयर हाउस में स्टॉक आने का इंतजार कर रहा है।
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जानिए कब जरूरत होती है इन दवाइयों की :
हेरोइन, अफीम, चूरापोस्त आदि का नशा लेने वाले मरीजों को चिकित्सक की तरफ से काउंसिलिग के बाद मेडिसिन दी जाती है। मरीजों का नशा की जगह मेडिसिन दी जाती है। नशा की लत को खत्म करने के लिए मरीज को दवा पर रखा जाता है। जिनमें नशा की जगह दी जाने वाली दवाई, नींद की दवा भी शामिल होती है। दवाइयों का यह कोर्स लंबा चलता है। मरीज को डिस्पेंसरी में ये दवा पांच से से दस दिन तक की दी जाती है।
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जानिए कितने हैं मेडिसिन :
अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक ओपीडी - 12086
नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल मरीज : 550
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डिस्पेंसरी में दवा नहीं है, इसका कारण वेयर हाउस में दवा न होना है। इस वजह से दिक्कत आ रही है। टेंडर के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।
अंकित कुमार, फार्मासिस्ट नागरिक अस्पताल
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नशा मुक्ति केंद्र में दवाहै लेकिन डिस्पेंसरी में दिक्कत आ रही है। ये प्रतिबंधित दवाइयां है इसलिए परेशानी आ रही है। डिमांड भेज रखी है जल्द वेयर हाउस में आने के बाद यहां सप्लाई आ जाएगी
- सुभाष चंद्र आहुजा
मुख्य फार्मासिस्ट, नागरिक अस्पताल फतेहाबाद
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नशा मुक्ति केंद्र में दवा है, कुछ दवाइयों की आउटडोर ओपीडी में दिक्कत चल रही है। तीन हजार टेबलेट आई थी वह 15 दिन में खत्म हो गई। दवाइयों की डिमांड भेजी गई है, जल्द आ जाएगी।
डा.गिरीश,
उप सिविल सर्जन, फतेहाबाद
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