पुलिसकर्मियों से मिलीभगत करके बांग्लादेशी बना गए टोहाना से पासपोर्ट, मामला दर्ज
अक्सर मामले आते हैं कि बांग्लादेशियों ने आधार कार्ड व राशन कार्ड बना लिए। लेकिन अब तो हद ही हो गई है। बांग्लादेशी घुसपैठिए टोहाना में पुलिस अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके पासपोर्ट बनाकर विदेश चले गए। शिकायत होने के बाद पुलिस की जांच में यह सामने आया है।
संवाद सहयोगी, टोहाना : अक्सर मामले आते हैं कि बांग्लादेशियों ने आधार कार्ड व राशन कार्ड बना लिए। लेकिन अब तो हद ही हो गई है। बांग्लादेशी घुसपैठिए टोहाना में पुलिस अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके पासपोर्ट बनाकर विदेश चले गए। शिकायत होने के बाद पुलिस की जांच में यह सामने आया है। हालांकि पुलिस अब धीरे-धीरे आरोपितों को पकड़ते हुए मामले की पुष्टि कर रही है। लेकिन आरोपित गलत तरीके से वीजा बनाकर किस देश गए हैं। इसकी अभी तक पुलिस को जानकारी नहीं मिली है।
मंगलवार को टोहाना पुलिस ने फर्जी आइडी लगाकर पासपोर्ट बनवाने के मामले में 58 लोगों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। जिनमें से अधिकांश पंजाब, पश्चिम बंगाल के साथ-साथ बांग्लादेश से भी संबंधित है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर गठित स्पेशल जांच टीम ने द्वारा वर्ष 2018 से अगस्त 2020 के दौरान फतेहाबाद में बनाए गए हजारों पासपोर्ट की दोबारा सत्यापन हुआ। जिसमें से 70 लोग जांच करवाने के लिए नहीं आए। इसकी बाद में गहनता से जांच की तो सामने आया कि उन्होंने गलत तरीके से पासपोर्ट बनाए है। इनमें से 58 के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। बाकी 12 लोगों पर ही जल्द कार्रवाई होने की उम्मीद है। गबड़बड़ी में लिप्त पाए गए थे टोहाना थाना के दो मुंशी
जिला पुलिस को गत वर्ष सितंबर में टोहाना में फर्जी पासपोर्ट बनाने के बारे में जानकारी मिली थी। जिसमें अनेक पासपोर्ट फर्जी बनने की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने टोहाना थाने में दो एफआइआर दर्ज कर मामला एसआइटी को सौंपा था। जांच में सामने आया कि टोहाना का एक पासपोर्ट एजेंट पुलिस कर्मियों से मिलीभगत कर फर्जी आइडी लगाकर फर्जी पासपोर्ट बनाने का धंधा कर रहा था। शुरुआत में ही पुलिस ने टोहाना थाना में रहे मुंशी नरेश व बलजीत सिंह सहित 22 लोगों को गत 21 फरवरी को गिरफ्तार किया था इसके बाद शुरू हुई जांच अब आगे बढ़ते हुए 58 लोगों पर मामला दर्ज हुआ है। बांग्लादेशी युवक के साथ गैंगस्टर चीता के भी बने पासपोर्ट
फर्जी पासपोर्ट मामले में मिल रही जानकारी मिल हैरान करने वाली है। हत्यारोपित से लेकर गैंगस्टर के पासपोर्ट की वेरिफिकेशन टोहाना से हुई है। पिछले साल सिरसा में एनआइए ने गैंगस्टर रणजीत उर्फ चीता को गिरफ्तार किया था। आरोपित के पासपोर्ट का वेरिफिकेशन टोहाना में ही हुआ था। यह बदमाश चीता अटारी बार्डर से भारी मात्रा में हेरोइन लाकर भारत में सप्लाई करता था और एनआइए को उसकी तलाश थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की जेल में बंद बदमाश रणजीत उर्फ चिता को फर्जी पासपोर्ट मामले में भी अब एसआइटी जांच में शामिल कर सकती है। पूछताछ के लिए वारंट पर ले भी सकती है। दिल्ली निवासी मोनू को पुलिस ने माना मास्टर माइंड
फर्जी पासपोर्ट मामले में एसआइटी ने मोनू को मास्टर माइंड माना है। मोनू की जानकारी टोहाना निवासी अनिल भाटिया से थी। अनिल भाटिया पासपोर्ट बनाने का काम करता था। फर्जी पासपोर्ट बनाने होते थे तो मोनू अनिल भाटिया से संपर्क करता था। बताया जा रहा है कि एक पासपोर्ट बनाने के लिए तीन से चार लाख रुपये भी लेता था। जांच में जो सामने आया है उनके अनुसार पंजाब में एक हत्यारोपियों और गैंगस्टर रणजीत उर्फ चीता का पासपोर्ट वेरिफिकेशन टोहाना में ही हुआ था। ऐसे में टोहाना पुलिस भी जांच के दायरे में आ गई है। पिछले एक साल से चल रही थी जांच, मिली कामयाबी : डीएसपी
गत वर्ष अगस्त में फर्जी आइडी लगाकर फर्जी पासपोर्ट बनाने का मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर एसआइटी टीम को इसकी जांच सौंपी थी। जिसमें टीम ने जहां अनेक लोगों की गिरफ्तारियां की। वहीं गठित एसआईटी टीम ने वर्ष 2018 से लेकर अगस्त 2020 तक के दौरान बनाए गए पासपोर्ट के संदर्भ में टोहाना में पुन: जांच शुरू की थी। जिसमें सहीं पासपोर्ट बनवाने वाले लोगों ने अपने-अपने पासपोर्ट की पुन: जांच करवाकर पुलिस द्वारा मांगी गई आइडी उपलब्ध करवा दी थी, लेकिन फर्जी पासपोर्ट बनवाने वाले लोग पुन: जांच के लिए नहीं आये। उसे में उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
- बिरम सिंह, डीएसपी, फतेहाबाद पुलिस।