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परंपरा छोड़ आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर हुईं हरियाणा की पंचायतें

हरियाणा की पंचायताें ने स्‍वालंबन की राह पर हैं। पंचायताें ने अपनी आत्‍मनिर्भरता के लिए कई कदम उठा रही हैं आैर अपनी आमदनी बढ़ाने के उपायों में जुटी हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 09 Feb 2018 12:10 PM (IST)Updated: Fri, 09 Feb 2018 12:42 PM (IST)
परंपरा छोड़ आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर हुईं हरियाणा की पंचायतें
परंपरा छोड़ आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर हुईं हरियाणा की पंचायतें

फतेहाबाद, [मणिकांत मयंक]। हरियाणा में पंचायतें आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर हैं। 14वें वित्त आयोग ने हरियाणा के लिए वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक करोड़ों रुपये की ग्रांट की अनुशंसा की है। यह दो हिस्सों में है। 90 फीसद बेसिक व 10 फीसद परफारमेंस ग्रांट। परफारमेंस ग्रांट पाने के लिए जो अनिवार्य मानदंड तय किए गए हैं उनमें सबसे महत्वपूर्ण है पंचायतों द्वारा अपने स्रोतों से आय बढ़ाना। इसका मतलब आत्मनिर्भरता से है। इसके अनुरूप पंचायतें सक्रिय हो गई हैं।

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अपने स्रोतों से आय बढ़ाने की होड़ में प्रदेश की पंचायतें

अहम बात यह कि बजट के लिए रोने की परंपरा छोड़ आर्थिक विकास की कसौटी पर सबसे पिछले पायदान पर रहने वाले फतेहाबाद सहित अन्य जिलों की पंचायतें भी आत्मनिर्भरता के पथ पर तेजी से कदम बढ़ाकर उदाहरण परोस रही हैं। हालांकि ग्रामीण विकास एवं पंचायत महकमे ने सभी जिलों के संबंधित अधिकारियों से अगली परफारमेंस ग्रांट के लिए नामित पंचायतों की संख्या अपडेट करने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही, महकमा जिलों से अब तक भेजी गई ग्राम पंचायतों की सूची की क्रॉस चेंकिंग भी कर रहा है।

बता दें कि बेसिक ग्रांट का महज 10 फीसद ही सही, इस परफारमेंस ग्रांट से न केवल पंचायतों को मोटिवेशन मिलेगा बल्कि ग्रामीण आबादी को बुनियादी सुविधाएं देने में भी पंचायतों के हाथ आर्थिक रूप से मजबूत रहेंगे। अगली ग्रांट भी पिछले प्रदर्शन के आधार पर ही मिल पाएगी। आत्मनिर्भरता जैसी बुनियादी सोच के प्रति पंचायती राज संस्थाओं और अधिकारियों की संजीदगी निश्चित तौर पर विकास को गति देने में मील का पत्थर साबित होगी।

परफारमेंस ग्रांट इस तरह हैं

वर्ष             ग्रांट (करोड़ में)

2016-17       76.15

2017-18      86.18

2018-19      97.87

2019-20      128.15

ये हैं मानदंड

- जोहड़, शामलात भूमि, पेड़, मत्स्य पालन, चूल्हा टैक्स आदि अपने स्रोतों के जरिये आय में वृद्धि : अधिकतम 20 अंक, न्यूनतम 05।

स्वयं के स्रोत से राजस्व की प्रतिशतता : अधिकतम 40 अंक, न्यूनतम 15 अंक

ग्राम पंचायत की खुले में शौच से मुक्त होने का स्टेटस : अधिकतम 30, नहीं होने पर 0

परफारमेंस ग्रांट के लिए दावा करने वाले वर्ष से पूर्व ग्राम पंचायत में शून्य से 2 साल के बच्चों का टीकाकरण कि लिए भी अंक मिलेंगे।

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परफारमेंस ग्रांट के लिए पंचायतों के नाम भेजने की हकीकत

कुल पंचायतें     प्रारूप में प्रमाणित पंचायतें   नामांकन के लिए भेजी पंचायतें

6205                  5027                               3280

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'' परफारमेंस ग्रांट पंचायती राज संस्था की सबसे अहम कड़ी ग्राम पंचायत को विकास के लिए प्रेरित करती है। यह अच्छा संकेत है कि फतेहाबाद अगर टॉप थ्री में आया है तो अन्य पिछड़े जिलों की पंचायतें भी आत्मनिर्भरता की राह पर हैं। निश्चय ही, यह उपलब्धि अगली ग्रांट पाने में सहायक होगी।

                                                                                                             - राजेश खोथ, डीडीपीओ।


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