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ई-ट्रेडिग के विरोध में धरने पर रहे आढ़ती, समर्थन देने पहुंचे राजनीति दलों के प्रतिनिधि

जागरण संवाददाता फतेहाबाद ई-ट्रेडिग के विरोध में आढ़तियों की हड़ताल दूसरे दिन भी ज

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 10:59 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 06:24 AM (IST)
ई-ट्रेडिग के विरोध में धरने पर रहे आढ़ती, समर्थन देने पहुंचे राजनीति दलों के प्रतिनिधि
ई-ट्रेडिग के विरोध में धरने पर रहे आढ़ती, समर्थन देने पहुंचे राजनीति दलों के प्रतिनिधि

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद:

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ई-ट्रेडिग के विरोध में आढ़तियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। दूसरे दिन कांग्रेस, इनेलो व जजपा के नेता मौके पर पहुंचे और व्यापारियों की बात सुनीं। वहीं व्यापारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक वे धरने से नहीं उठेंगे। मार्केट कमेटी कार्यालय के बाहर आढ़ती तीन बजे तक धरने पर बैठे रहे। वहीं दिनभर राजनेताओं का भी जमावड़ा लगा रहा है। जमावड़ा भी क्यों न लगे, लोकसभा चुनाव घोषित हो चुके है। ऐसे में हर पार्टी का उम्मीदवार इन व्यापारियों को रिझाने में लगे रहे।

सुबह इनेलो के निर्वतमान सांसद चरणजीत सिंह रोड़ी, विधायक बलवान दौलतपुरिया पार्टी के अन्य पदाधिकारियों संग समर्थन देने पहुंचे। यहां इनेलो सांसद व विधायक ने धरनारत व्यापरियों की तमाम मांगों को जायज करार देते हुए सरकार से तुरंत प्रभाव से ई-नेम प्रणाली रद करने की मांग की। इनेलो नेताओं ने अपने संबोधन में भाजपा सरकार प्रहार करते हुए स्पष्ट किया कि यदि सरकार व्यापारियों पर अपना निर्णय तानाशाही तरीके से थोपने पर अड़ी रही, तो इनेलो का एक-एक कार्यकर्ता व्यापारियों के आंदोलन को कंधे से कंधा मिला ताकत देने का काम करेगा।

इस मौके पर व्यापार मंडल प्रधान सुभाषचन्द मुंजाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश भिरडाना, संतलाल मेहता, रमेश तनेजा, दलबीर कंबोज, रमेश नागपाल पदाधिकारियों व व्यापारियों ने समर्थन देने पहुंचे इनेलो नेताओं का आभार प्रकट किया।

वहीं कांग्रेसी नेता व पूर्व सीपीएस प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा भी समर्थन देने पहुंचे। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सरकार थी तो व्यापारियों को कभी भी तंग नहीं किया गया। लेकिन भाजपा सरकार व्यापारियों को तंग करने पर तुली हुई है। वहीं इनसो राष्ट्रीयध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने ने भी व्यापारियों को समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि जननायक जनता पार्टी इस नियम को किसी कीमत पर लागू नहीं होने देगी।

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धान व कपास लेकर नहीं पहुंचे किसान

गेहूं का सीजन शुरू न होने के कारण मंडी सुनसान रही। वहीं पहले कुछ किसान व धान व कपास लेकर आ रहे थे। लेकिन हड़ताल की सूचना के बाद उन्होंने भी मंडी में आना बंद कर दिया है। वहीं भूना व भट्टूकलां में सरसों की बोली निरंतर होती रही। सबसे ज्यादा फसल भूना व भट्टूकलां खंड में होती है। ऐसे में यहां पर सरकारी बोली हो रही है। वही कुछ किसानों ने प्राइवेट दुकानदारों को सरसों की फसल बेचनी शुरू कर दी है।


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