कोरोना से एक की मौत, 25 नए केस आए, 52 ने दी मात
जिले में मंगलवार को कोरोना के 25 नए केस आए तो एक की मौत हो गई। जबकि 52 स्वस्थ होकर घर पहुंचे।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
जिले में मंगलवार को कोरोना के 25 नए केस आए तो एक की मौत भी हुई है। राहत की बात यह रही कि 52 लोगों ने कोरोना को मात दी है। कोरोना संक्रमितों की संख्या 3800 को पार कर गई है। अब जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या 3815 हो गई है। स्वस्थ होने वालों का आंकड़ा 3274 है। एक्टिव केस 461 है और मरने वालों का आंकड़ा 80 हो गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार रतिया निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग की तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब थी। पांच दिन पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सैंपल लिए थे जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। स्वास्थ्य विभाग ने उसे अग्रोहा मेडिकल कालेज में भर्ती करवाया गया था जहां उसकी सोमवार रात को मौत हो गई।
अक्टूबर महीने में कोरोना नियंत्रण में था। स्वास्थ्य विभाग को भी पता था कि नवंबर महीने में त्योहारी सीजन शुरू होगा। ऐसे में मरीजों की संख्या अधिक बढ़ेगी। लेकिन जिस हिसाब से स्वास्थ्य विभाग ने सैंपल लिए उसके हिसाब से कोरोना के मरीजों का ग्राफ अधिक रहा। मरने वालों का आंकड़ा सबसे अधिक परेशान करने वाला रहा है। 17 दिनों में 21 लोगों की जान जा चुकी है। वही जिले में अब तक 80 लोगों की जान जा चुकी है।
अगर स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो कोरोना की रफ्तार कम नहीं हुई बल्कि बढ़ती गई है। वही मरने वालों की रिकॉर्ड को देखते तो पिछले तीन महीनों में इतनी अधिक डेथ हुई है जो लॉकडाउन में नहीं थी। जब लॉकडाउन था तो जिले में केवल 100 ही मरीज आए लेकिन किसी की मौत तक नहीं हुई थी। लेकिन जून के बाद स्थिति बिगड़ती गई जो अब लगातार जारी है। स्वास्थ्य विभाग मान रहा है कि कोरोना के मरीज बढ़ने का मुख्य कारण लोगों द्वारा बरती जा रही लापरवाही है।
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नागरिक अस्पताल में कम हो गई मरीजों की संख्या
कोरोना का ग्राफ बढ़ा है तभी से सैंपल लेने की गति भी कम हो गई। सैंपल कम लेने की वजह भी है कि लोग सैंपल देने के लिए आगे नहीं आ रहे है। पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग ने नियम ही बना लिया कि नागरिक अस्पताल में जो भी इलाज करवाने के लिए आएगा उसका सैंपल लिया जाएगा। इसका नतीजा ये रहा कि अस्पताल में ओपीडी कम हो गई। पहले सप्ताह के तीन दिनों तक अस्पताल में इतनी अधिक भीड़ रहती है कि इलाज करवाने के लिए एक से दो घंटे लगते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। ओपीडी का जिक्र करे तो पहले 800 ओपीडी हर दिन होती थी लेकिन अब यह 400 रह गई है। लोगों को डर है कि अगर सरकारी अस्पताल में गए तो उन्हें कोरोना टेस्ट करवाना पड़ेगा। यही कारण है कि लोग प्राइवेट अस्पताल में जा रहे है। नागरिक अस्पताल की अपेक्षा प्राइवेट अस्पतालों में भीड़ अधिक हो रही है।
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आंकड़ों से समझें स्थिति
महीना मिले मरीज ठीक हुए मौत
मार्च 0 0 0
अप्रैल 1 1 0
मई 16 6 0
जून 98 18 0
जुलाई 206 176 2
अगस्त 620 367 10
सितंबर 1290 1350 25
अक्टूबर 781 349 22
नवंबर 743 559 21
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जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लोग लापरवाही बरत रहे हैं। घर से बाहर निकलते समय केवल मास्क तो अवश्य लगाएं। भीड़ भाड़ वाले क्षेत्र में जाने से बचें। अगर कोई बीमार है तो वो अपना कोरोना टेस्ट करवाएं। डा. हनुमान सिंह,
डिप्टी सिविल सर्जन, फतेहाबाद।